कवर्धा जिले के एक गांव के लोग दहशत में हैं। दरअसल गांव में कुछ एेसे निशान मिले हैं जिसे देखकर यहां के लोग सहमे हुए हैं।
अचानक दिखे एेसे निशान सहम गए लोग, बोले – ये पैर के निशान इंसान के नहीं, बल्कि…
कवर्धा. छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले और भोरमदेव अभयारण्य से लगा हुआ सरोदा जलाशय के पीछे एक गांव के लोग दहशत में हैं। दरअसल गांव में कुछ एेसे निशान मिले हैं जिसे देखकर यहां के लोग सहमे हुए हैं। वहीं कुछ ही दूर पर पालतू जानवरों के शव भी पाए गए। इसके बाद इलाके में सनसनी फैल गई। उधर, ग्रामीणों ने आशंक जताई है कि गांव में तेंदुआ घुस आया है और यह शिकार तेंदुए ने ही किया है।
दरअसल, ग्राम केसदा निवासी मिलन पिता रामलाल नेताम के छह पालतू जानवर बाड़ी में थे। जिसे मंगलवार की रात हिंसक जानवर द्वारा शिकार कर लिया गया। तीन पालतू जानवरों को पूरी तरह से खा लिया गया, जबकि तीन पालतू जानवरों को मारकर छोड़ दिया गया। सुबह ग्रामीणों ने तीन सुबह को देखा। ग्रामीणों ने मृत जानवरों के आसपास हिंसक जानवर के पदचिन्ह भी देखे।
ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि पालतू जानवरों का शिकार तेंदुआ ने किया है। इसके बाद से गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है। वहीं सुबह वन विभाग के दो सिपाही आए और पालतू जानवरों के मालिक से कहा कि मुआवजा के लिए वर्षों लग जाते हैं। मुआवजे के चक्कर में मत पड़ो कहकर गांव से चले गए। सिपाही द्वारा किसी प्रकार का प्रकरण नहीं बनाया गया, जिससे ग्रामीण को मुआवजा मिल सके।
अधिकारियों को जानकारी नहीं अभयारण्य व वन परिक्षेत्र कवर्धा से लगे होने के बाद भी अधिकारियों को जानकारी नहीं कि किसी हिंसक जानवर द्वारा छह पालतू जानवरों का शिकार किया गया। जबकि वन विभाग के सिपाहियों को पूर्ण जानकारी है। ऐसे में इस मामले को क्यों दबाया जा रहा है समझ से परे है।