scriptलाईसेंस बिना ही बाजार में बेच रहेे लाखों के मवेशी, राजस्व नुकसान | The millions of cattle, revenue loss sold without license in the marke | Patrika News

लाईसेंस बिना ही बाजार में बेच रहेे लाखों के मवेशी, राजस्व नुकसान

locationकवर्धाPublished: Oct 10, 2018 12:08:39 pm

Submitted by:

Panch Chandravanshi

सैकड़ों दलाल व मवेशी व्यापारी बाजार में मवेशी बेचने पहुंचते हैं। बगैर लाइसेंस ही बाजारों में धड़ल्ले से मवेशियों की बिक्री की जा रही है। लाइसेंस नहीं होने के कारण मवेशियों की तस्करी होने की जानकारी भी नहीं मिल पाती।

without license in the market

without license in the market

कवर्धा. जिले में बिना लाईसेंस के लाखों की खरीदी बिक्री हो रही है। लेकिन जिम्मेदार द्वारा कोई ध्यान नहीं देने के कारण शासन को राजस्व का नुकसान हो रहा है।
मवेशी विक्रताओं को पशु विभाग द्वारा लाइसेंस जारी किया जाता है। इसके बाद ही मवेशियों की बिक्री कर सकते हैं। लेकिन जिले में केवल 10 व्यापारी के पास लाइसेंस हैं, जबकि जिले में सैकड़ों लोग मवेशी की खरीदी-बिक्री करते हैं। पशु विभाग की अनदेखी के कारण जिले में बगैर लाइसेंस के ही मवेशियों की बिक्री की जा रही है। जिले में सात गांव में हर सप्ताह मवेशी बाजार लगता है। इस बाजार में किसान व अन्य लोग मवेशी खरीदते हैं। मवेशी बेचने वालों को पशु विभाग से लाइसेंस बनवाना अनिवार्य होता है, लेकिन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण जिले में अब तक गिनती के लाइसेंसधारी ही है। सैकड़ों दलाल व मवेशी व्यापारी बाजार में मवेशी बेचने पहुंचते हैं। बगैर लाइसेंस ही बाजारों में धड़ल्ले से मवेशियों की बिक्री की जा रही है। लाइसेंस नहीं होने के कारण मवेशियों की तस्करी होने की जानकारी भी नहीं मिल पाती। जिले में लगातार गाय, बैलों की तस्करी का मामला सामने आ रहा है। व्यापारियों को पंजीयन नहीं होने के कारण मवेशियों को बाजार में विक्रय न कर कत्लखाने बेच देते हैं। जबकि लाईसेंस बनाने से शासन को राजस्व भी मिलता है। बिना लाईसेंस के लाखों की खरीदी बिक्री धड़ल्ले से हो रही है।
10 व्यापारियों ने किया आवेदन
पशु विभाग में मात्र १० मवेशी व्यापारियों ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। इसके कारण सभी दस व्यापारियों को लाइसेंस देने से पहले ही पड़ताल के लिए कलक्टर द्वारा कहा गया। विभाग के ध्यान नहीं देने व लाइसेंस बनवाने कड़ाई से कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण व्यापारी लाईसेंस बनवाने कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। जबकि बिना लाइसेस के इस प्रकार लाखों की बिक्री करते हैं तो इन पर कार्रवाई किया जा सकता है। वहीं विभाग की अनदेखी के कारण व्यापारियों को लाइसेंस की अनिवार्यता की जानकारी नहीं है। इसके कारण अब तक जिले में केवल 10 व्यपारियों का लाईंसेस बन पाया है।
यहां लगता है मवेशी बाजार
जिले में कवर्धा, पांडातराई, पोड़ी, दामापुर, खाम्ही, पंडरिया व लोहारा में बैल-भैंस की बिक्री के लिए बाजार लगता है। बाजार संचालन के लिए बाजार की नीलामी भी किया जाता है। इसमें नगर पंचायत, नगर पालिका व पंचायतों को राजस्व की प्राप्ति होती है। लेकिन इन बाजारों में मवेशी बेचने वालों के पास लाइसेंस नहीं होता हैं। इसकी जानकारी पशु विभाग को है, इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है और शासन को राजस्व का नुक्सान हो रहा है। जबकि हर बाजार में लाखों की खरीदी बिक्री होती है। विभाग में मवेशी बेचने के लिए लाइसेंस बनाना होता है, लेकिन इसकी जानकारी नहीं होने के कारण लासेंसन नहीं बना रहे हैं। बाजार ठेकेदार भी लाइसेंस बनवाने ध्यान नहीं देते।
पशु विभाग उपसंचालक डॉ.एनपी मिश्रा ने बताया कि मवेशी व्यापारी लाइसेंस बनाने ही ध्यान नहीं देते हैं। जबकि बाजार में मवेशी बेचने के लिए लाईसेंस की जरुरत पड़ती है। विभाग द्वारा कुछ मवेशी व्यापारियों का लाइसेंस बनाया गया है। जानकारी व्यापारियों को दी जाती है।
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