पशु विभाग में मात्र १० मवेशी व्यापारियों ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। इसके कारण सभी दस व्यापारियों को लाइसेंस देने से पहले ही पड़ताल के लिए कलक्टर द्वारा कहा गया। विभाग के ध्यान नहीं देने व लाइसेंस बनवाने कड़ाई से कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण व्यापारी लाईसेंस बनवाने कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। जबकि बिना लाइसेस के इस प्रकार लाखों की बिक्री करते हैं तो इन पर कार्रवाई किया जा सकता है। वहीं विभाग की अनदेखी के कारण व्यापारियों को लाइसेंस की अनिवार्यता की जानकारी नहीं है। इसके कारण अब तक जिले में केवल 10 व्यपारियों का लाईंसेस बन पाया है।
जिले में कवर्धा, पांडातराई, पोड़ी, दामापुर, खाम्ही, पंडरिया व लोहारा में बैल-भैंस की बिक्री के लिए बाजार लगता है। बाजार संचालन के लिए बाजार की नीलामी भी किया जाता है। इसमें नगर पंचायत, नगर पालिका व पंचायतों को राजस्व की प्राप्ति होती है। लेकिन इन बाजारों में मवेशी बेचने वालों के पास लाइसेंस नहीं होता हैं। इसकी जानकारी पशु विभाग को है, इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है और शासन को राजस्व का नुक्सान हो रहा है। जबकि हर बाजार में लाखों की खरीदी बिक्री होती है। विभाग में मवेशी बेचने के लिए लाइसेंस बनाना होता है, लेकिन इसकी जानकारी नहीं होने के कारण लासेंसन नहीं बना रहे हैं। बाजार ठेकेदार भी लाइसेंस बनवाने ध्यान नहीं देते।
पशु विभाग उपसंचालक डॉ.एनपी मिश्रा ने बताया कि मवेशी व्यापारी लाइसेंस बनाने ही ध्यान नहीं देते हैं। जबकि बाजार में मवेशी बेचने के लिए लाईसेंस की जरुरत पड़ती है। विभाग द्वारा कुछ मवेशी व्यापारियों का लाइसेंस बनाया गया है। जानकारी व्यापारियों को दी जाती है।