लगातार 24 घंटे ड्यूटी निभा रहे
जिला अस्पताल, न्यायालय, कलेक्ट्रेट, छात्रावास की सुरक्षा और आपदा प्रबंधन से लेकर अधिकारियों के बंगले में 24 घंटे तैनात रहने वाले होमगार्ड (नगर सैनिक) की सुध लेने वाले कोई नहीं है। होमगार्ड के जवान लगातार ड्यूटी निभा रहे हैं, लेकिन वेतन के रूप में इन्हें केवल 13200 रुपए ही मिलते हैं।
मानसिक रूप से परेशान
कबीरधाम जिले में 230 होमगार्ड के जवान हैं,जिसमें 51 महिला होमगार्ड हैं, जो कलक्ट्रेट, अस्पताल, छात्रावास से लेकर प्रदर्शन और वीआईपी ड्यूटी निभाती हैं। जिले में करीब 32 बालिका छात्रावास व आश्रम हैं जहां महिला होमगार्ड बालिकाओं की सुरक्षा में 24 घंटे तैनात रहती हैं। अधिकतर स्थान पर एक ही महिला होमगार्ड हैं, जबकि कुछ ही स्थानों पर दो शिफ्ट में महिला होमगार्ड ड्यूटी निभाती हैं। लगातार ड्यूटी निभाने से यह मानसिक व शारीरिक रूप से परेशान हैं।
जिला अस्पताल, न्यायालय, कलेक्ट्रेट, छात्रावास की सुरक्षा और आपदा प्रबंधन से लेकर अधिकारियों के बंगले में 24 घंटे तैनात रहने वाले होमगार्ड (नगर सैनिक) की सुध लेने वाले कोई नहीं है। होमगार्ड के जवान लगातार ड्यूटी निभा रहे हैं, लेकिन वेतन के रूप में इन्हें केवल 13200 रुपए ही मिलते हैं।
मानसिक रूप से परेशान
कबीरधाम जिले में 230 होमगार्ड के जवान हैं,जिसमें 51 महिला होमगार्ड हैं, जो कलक्ट्रेट, अस्पताल, छात्रावास से लेकर प्रदर्शन और वीआईपी ड्यूटी निभाती हैं। जिले में करीब 32 बालिका छात्रावास व आश्रम हैं जहां महिला होमगार्ड बालिकाओं की सुरक्षा में 24 घंटे तैनात रहती हैं। अधिकतर स्थान पर एक ही महिला होमगार्ड हैं, जबकि कुछ ही स्थानों पर दो शिफ्ट में महिला होमगार्ड ड्यूटी निभाती हैं। लगातार ड्यूटी निभाने से यह मानसिक व शारीरिक रूप से परेशान हैं।