scriptनगर सैनिक के पालकों ने उठाई आवाज | The pointed voice of nagar sainik family | Patrika News

नगर सैनिक के पालकों ने उठाई आवाज

locationकवर्धाPublished: Sep 13, 2018 12:19:34 pm

Submitted by:

Yashwant Jhariya

पर्याप्त वेतनमान व अन्य सुविधाएं नहीं मिलने से नगर सैनिक के परिजनों में नाराजगी और आक्रोश है। नगर सैनिक व उनके परिजन स्वयं को ठगा महसूस कर रहे हैं।

कवर्धा . नगर सैनिकों को पर्याप्त वेतनमान व अन्य सुविधाएं नहीं मिलने से उनके परिजनों में नाराजगी और आक्रोश है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी प्रदेश सरकार द्वारा वेतनमान व अन्य सुविधाओं में वृद्धि नहीं होने से नगर सैनिक व उनके परिजन स्वयं को ठगा महसूस कर रहे हैं।
वर्तमान में मध्यप्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तरांचल, राजस्थान, दिल्ली जैसे कई राज्य में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार नगर सैनिकों को आरक्षक के समान वेतन व अन्य सुविधा दी जा रही है, लेकिन छत्तीसगढ़ में नहीं। ऐसे में छत्तीसगढ़ में भी नगर सैनिकों को आरक्षक के समान सुविधाएं दिया जाना चाहिए। होमगार्ड पालक संघ के सदस्य डीएन योगी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में लगभग 9000 नगर सैनिक अलग-अलग क्षेत्रों में सुरक्षा, अग्निशमन, थाना, यातायात, अस्पताल, बंगला इत्यादि क्षेत्रों में पुलिस कि साथ बराबरी से कार्य करते आ रहे है। समान रूप से कार्य करने के बाद भी नगर सैनिकों को मात्र 13200 रुपए वेतन दिया जा रहा है। लेकिन पीएम भी नहीं कट रहा है। इससे उन्हे लाभ नहीं मिल पा रहा है।
आंदोलन करने का विचार बना रहे
प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने जिस प्रकार कर्मचारियों को सातवें वेतनमान, कुशल, अर्धकुशल दैनिक मजदूरों की मजदूरी वृद्धि की है उसी तरह नगर सैनिकों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उचित कार्रवाई किया जाना चाहिए। पालक संघ सदस्य योगी ने यह भी कहा कि नगर सैनिकों को भी पुलिस आरक्षक के सामान वेतन व अन्य सुविधाएं वृद्धि नही किए जाने पर होमगार्ड पालक संघ की ओर से आंदोलन करने विचार किया जा रहा है। लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकला।
लगातार 24 घंटे ड्यूटी निभा रहे
जिला अस्पताल, न्यायालय, कलेक्ट्रेट, छात्रावास की सुरक्षा और आपदा प्रबंधन से लेकर अधिकारियों के बंगले में 24 घंटे तैनात रहने वाले होमगार्ड (नगर सैनिक) की सुध लेने वाले कोई नहीं है। होमगार्ड के जवान लगातार ड्यूटी निभा रहे हैं, लेकिन वेतन के रूप में इन्हें केवल 13200 रुपए ही मिलते हैं।
मानसिक रूप से परेशान
कबीरधाम जिले में 230 होमगार्ड के जवान हैं,जिसमें 51 महिला होमगार्ड हैं, जो कलक्ट्रेट, अस्पताल, छात्रावास से लेकर प्रदर्शन और वीआईपी ड्यूटी निभाती हैं। जिले में करीब 32 बालिका छात्रावास व आश्रम हैं जहां महिला होमगार्ड बालिकाओं की सुरक्षा में 24 घंटे तैनात रहती हैं। अधिकतर स्थान पर एक ही महिला होमगार्ड हैं, जबकि कुछ ही स्थानों पर दो शिफ्ट में महिला होमगार्ड ड्यूटी निभाती हैं। लगातार ड्यूटी निभाने से यह मानसिक व शारीरिक रूप से परेशान हैं।
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