scriptयहां गरीब परिवारों का भी नहीं होता मुफ्त में ईलाज | The poor families do not even have a free treatment | Patrika News

यहां गरीब परिवारों का भी नहीं होता मुफ्त में ईलाज

locationकवर्धाPublished: Dec 14, 2018 12:29:31 pm

Submitted by:

Panch Chandravanshi

जिला अस्पताल में गरीब तबके के मरीजों को भी मुफ्त में ईलाज नहीं मिल पा रहा है। सरकारी अस्पताल समझकर आर्थिक स्थिति से कमजोर लोग यहां पर ईलाज के लिए पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। गरीब परिवार ईलाज के लिए भटकते रहते हैं, लेकिन जिला अस्पताल में पहुंचने के बाद पता चलता है, कि यहां भी विभिन्न जांच कराने के लिए फीस देना होगा।

Does not treat free treatment

Does not treat free treatment

कवर्धा . सरकार कितना भी नि:शुल्क स्वास्थ्य सुविधा देने की बात कर ले, लेकिन ऐसा नहीं है। सरकारी अस्पताल में भी मरीजों को पैसे देकर ईलाज कराना पड़ रहा है।
जिले का एकमात्र जिला अस्पताल में गरीब तबके के मरीजों को भी मुफ्त में ईलाज नहीं मिल पा रहा है। सरकारी अस्पताल समझकर आर्थिक स्थिति से कमजोर लोग यहां पर ईलाज के लिए पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। गरीब परिवार ईलाज के लिए भटकते रहते हैं, लेकिन जिला अस्पताल में पहुंचने के बाद पता चलता है, कि यहां भी विभिन्न जांच कराने के लिए फीस देना होगा। पहले जिला अस्पताल में गरीब परिवारों को ईलाज कराने के लिए पैसा नहीं लगता था, लेकिन अब जिला अस्पताल में भी गरीब परिवारों को फीस देना पड़ता है।
जिला अस्पताल में कई मरीज आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण जिला अस्पताल में भी फीस जमा नहीं कर पाते हैं। इसके कारण अब भी मरीज अपने साथ बीपीएल कार्ड लेकर पहुंचते हैं। लेकिन इन से भी फीस लिया जाता है। जिला अस्पताल में पंजीयन शुल्क १० रुपए, ब्लड ग्रुप जांच के लिए १५ रुपए, ब्लड यूरिया ३५ रुपए, ब्लड शुगर ३५, प्रेग्नेंसी जांच ३० रुपए, स्टुल जांच ५०, ईसीजी ५०, ऐक्स-रे प्रति फिल्म १००, बेरियम मिल ३५० रुपए, बेरियम ऐनिमा जांच ४५०, टीएमटी जांच २५० रुपए तक लिया जाता है।
पहले राशन कार्ड में फ्री था ईलाज
जिला अस्पताल में गरीब परिवार बीपीएल का राशन कार्ड लाने मात्र से पंजीयन व किसी भी प्रकार की जांच के लिए पैसे नहीं लगते थे। लेकिन अब जिला अस्पताल प्रबंधन व जीवन दीप समिति सभी से ईलाज व जांच कराने का पैसा लेती है। जबकि कई गरीब परिवार पैसा दे पाने में असमर्थ रहते हैं। जिला अस्पताल में नि:शुल्क ईलाज होने की जानकारी लोगों को दी जाती है, लेकिन ऐसा नहीं है।
गरीबों के लिए यहां भी ईलाज महंगा
पूरे जिले में प्राईवेेट डॉक्टरों का बोलबाला है, इन अस्पतालों में मनमानी फीस लिया जाता है, इस पर स्वास्थ्य विभाग का कोई कंट्रोल नहीं है। प्राईवेट में ईलाज कराना महंगा होने के कारण गरीब परिवार के लोग जिला अस्पताल पहुंचते हैं, लेकिन यहां भी भर्ती होने से लेकर जांच कराने के लिए फीस लिया जाता है। यहां तक की कई दवाई नहीं होने पर बाजार से महंगे दामों पर खरीदनी पड़ती है।
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