अभी से गांव में पेयजल की किल्लत होने से आने वाले मुश्किलों की ओर ईशारा कर रहा है। गर्मी से पहले ही गांव में पेयजल के लिए भटक रहे हैद्यदिन ब दिन पेयजल संकट गहराते जा रही है। यही आलम रहा तो जैसे जैसे गर्मी बढ़ती जाएगी लोगों को पेयजल के लिए मुसीबत और बढऩा स्वाभाविक है। गर्मी के वजह से नदी, तालाब सुखने लगते हैं तो ट्यूबवेल की स्तर गिरता चला जाएगा। ऐसी स्थिति में आने वाले दिनों में विकट समस्या आ सकती है।
यह समस्या एक दो दिन का नहीं बल्कि लम्बे समय से बन रही है। मौजूदा समय से जल स्तर गिरने के कारण गांव की अधिकतर हैंडपंप बंद पड़े हैं, जिससे ग्रामीण पड़ोसी गांव बंदौरा व खलिहान के निजी पंप के सहारे से पेयजल की व्यवस्था कर पाते है। महिला लम्बी दुरी सफर कर दिन भर के लिए पानी घर में इकट्ठा कर काम चलाते हैं। एक पंप चारों ओर से बाल्टी, बर्तन से घिरी रहती है। गांव की हैंडपंप शो पीस बनी है। लम्बी लाईन लगाने के बाद बाल्टी भर पानी मिलती है।