scriptपड़ोसी गांव से पानी लाकर प्यास बूझा रहे खैरझिटी के ग्रामीण | The villagers of the Khairajiti are busy with water from neighboring v | Patrika News

पड़ोसी गांव से पानी लाकर प्यास बूझा रहे खैरझिटी के ग्रामीण

locationकवर्धाPublished: Feb 11, 2019 12:08:01 pm

Submitted by:

Panch Chandravanshi

एक के बाद एक हैंडपंप के हलक सूख रही है। पानी के लिए ग्रामीणों को दर दर भटकना पड़ रहा है। आलम यह है कि पड़ोसी गांव से पानी लाकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं।

Village of Khairjity brought water from neighboring village

Village of Khairjity brought water from neighboring village

इंदौरी. सर्द मौसम के बदलते मिजाज की तरह गांवों में अभी से पानी की किल्लत दिखाई दे रही है। एक के बाद एक हैंडपंप के हलक सूख रही है। पानी के लिए ग्रामीणों को दर दर भटकना पड़ रहा है। आलम यह है कि पड़ोसी गांव से पानी लाकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मई-जून की माह में पानी के लिए लोगों को गांव की मुखिया के वैकल्पिक व्यवस्था पर निर्भर रहना पड़ेगा।
ग्रामीणों से लगातार सूचना मिलने के बाद रविवार को ग्राऊंड रिपोर्ट में पत्रिका संवाददाता पप्पू साहू सहसपुर लोहारा ब्लाक के ग्राम पंचायत खैरझिटी पहुंचे। सुबह गांव का मुआयना करने पर चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई। महिलाओं की झुंड पड़ोसी गांव बंदौरा से सिर पर बर्तन रख कर पानी ला रहे थे। महिलाओं ने बताया कि गांव में अधिकांश हैण्डपंप के हलक सुख गए हैं। वहीं मोटर पंप भी खराब पड़े हैं। इस समस्या को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि स्थानिय पर पंचायत दर्शकदिर्धा जैसे पवेलियन पर मजा ले रहे हैं। ग्रामीणों को वर्तमान में पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यह आलम लगातार पिछले दो वर्षों से औसत के अनुरुप बारिश नहीं होने की पहली झलक रही है। इसके बाद जिले में बैठे अधिकारी पेयजल को लेकर विभागीय स्तर से योजना बना रहे हैं। बावजुद गांवों में गर्मी से पहले ही पेयजल संकट दुर होने के बजाय और गहराता जा रहा है। पेयजल की बढ़ी समस्या सहसपुर लोहारा ब्लाक के अंदरुनी गांवों में बढ़ती जा रही है। ग्रामीणों द्वारा रोजाना पीएचई में शिकायत भी हो रही है, लेकिन जल स्तर गिरने की वजह से वे भी मौन है। इसका नमूना देखना है तो सुबह सात बजे ग्राम पंचायत खैरझिटी चले आईए। जहां महिला की जमघट सी लगी रहती है।
गर्मी में बढ़ जाएगी मुसीबत
अभी से गांव में पेयजल की किल्लत होने से आने वाले मुश्किलों की ओर ईशारा कर रहा है। गर्मी से पहले ही गांव में पेयजल के लिए भटक रहे हैद्यदिन ब दिन पेयजल संकट गहराते जा रही है। यही आलम रहा तो जैसे जैसे गर्मी बढ़ती जाएगी लोगों को पेयजल के लिए मुसीबत और बढऩा स्वाभाविक है। गर्मी के वजह से नदी, तालाब सुखने लगते हैं तो ट्यूबवेल की स्तर गिरता चला जाएगा। ऐसी स्थिति में आने वाले दिनों में विकट समस्या आ सकती है।
पड़ोसी गांव का सहारा
यह समस्या एक दो दिन का नहीं बल्कि लम्बे समय से बन रही है। मौजूदा समय से जल स्तर गिरने के कारण गांव की अधिकतर हैंडपंप बंद पड़े हैं, जिससे ग्रामीण पड़ोसी गांव बंदौरा व खलिहान के निजी पंप के सहारे से पेयजल की व्यवस्था कर पाते है। महिला लम्बी दुरी सफर कर दिन भर के लिए पानी घर में इकट्ठा कर काम चलाते हैं। एक पंप चारों ओर से बाल्टी, बर्तन से घिरी रहती है। गांव की हैंडपंप शो पीस बनी है। लम्बी लाईन लगाने के बाद बाल्टी भर पानी मिलती है।
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