इसमें विशेषज्ञों ने अपने-अपने अंदाज से बजट का विश्लेषण किया। शहर के प्रबुद्धजनों ने बजट पर मिश्रित प्रतिक्रिया जाहिर की है। कुछ ने विकास आधारित बजट बताया तो कुछ ने कहा कि बजट में नया कुछ नहीं है। कैशलेस और कालाधन के ईद-गिर्द बजट घूमता रहा है। उद्योगों को कोई राहत नहीं दी गई।
हवाई सेवा को लगेंगे पंख केन्द्रीय बजट में पीपीपी मोड पर छोटे शहरों में एयरपोर्ट शुरू करने की घोषणा से कोटा में भी नियमित हवाई सेवा की उम्मीद परवान चढ़ी है। नोटबंदी के बाद उद्योग और व्यापार के लिए रियायत की घोषणा की उम्मीद थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। सन्तुलित बजट है।
अशोक माहेश्वरी, महासचिव कोटा व्यापार महासंघ उद्योगों पर नहीं दिया ध्यान एमएसएम सेक्टर पर ध्यान देने की जरूरत थी। चालू उद्योग को मजबूती देने की कोई बात नहीं की गई। 600 कौशल केन्द्र खोलने की घोषणा हुई है, लेकिन आईटीआई को चलाने वाले ही नहीं हैं। कैसे दक्ष मैनपावर तैयार होगी। निराशाजनक बजट है।
एल.सी. बाहेती, अध्यक्ष लघु उद्योग काउन्सिल कोटा छोटे करदाताओं को राहत बजट में नए करदाताओं का वित्तमंत्री ने विश्वास जीतने का प्रयास किया है। पहली बार रिटर्न भरने वाले करदाताओं के प्रकरण स्क्रूटनी में नहीं लिए जाएंगे। रियल एस्टेट को अफोर्डेबल हाउसिंग का दर्जा देने से फायदा होगा। छोटे करदाताओं को भी राहत दी गई है।
सिद्धार्थ मित्तल, सीए ढांचागत विकास पर जोर बजट में ढांचागत विकास पर जोर दिया गया है। इससे दूरगामी अच्छे परिणाम सामने आएंगे। स्किल्ड डेवलपमेंट को बढ़ावा दिया गया है। ग्रामीण विकास तथा रोजगार की बात कही गई है, जो अच्छा संदेश देती है। शिक्षा की गुणवत्ता का ध्यान दिया है। मनरेगा के लिए बजट बढ़ाया गया है।
डॉ. बी.डी. शर्मा अर्थशास्त्री लाभकारी मूल्य की बात क्यों नहीं की बजट में किसानों को कर्जदार बनाने की बात कही है, जो सही नहीं है। कर्ज के कारण ही किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं। कर्ज कैसे चुकाएंगे किसान। किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने की घोषणा की जानी चाहिए थी। गांवों में स्थायी रोजगार की बात नहीं की गई। गांव और किसान की उपेक्षा की है।
दशरथकुमार, किसान नेता सस्ता-महंगा का खेल खत्म पहली बार एेसा बजट पेश किया है, जिसमें सस्ता और महंगा का खेल खत्म कर दिया है। स्थायित्व देने वाला बजट है। बजट से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। जेब खाली रहेगी। डिजिटल लेन-देन पर फोकस दिया गया है। पहली बार राष्ट्रीय स्तर का रेल बजट पेश हुआ है।
अचल पोद्दार, सचिव लघु उद्योग भारती चित्तौड प्रांत नए कर नहीं लगाए, राहत भी दी आयकर छूट की सीमा बढ़ाने से आम आदमी को फायदा होगा। बजट में कोई भी नया कर नहीं लगाया गया है। केपिटल गेन की सीमा तीन साल से घटाकर दो साल करना अच्छा कदम है। स्टार्टअप योजना में आयकर छूट की सीमा पांच साल से बढ़ाकर सात साल कर दी है। रेल के विकास पर भी फोकस है।
गोविंदराम मित्तल, संस्थापक अध्यक्ष दि एसएसआई एसोसिएशन स्वास्थ्य सेवाओं को समर्पित बजट बजट शिक्षा एवं स्वास्थ्य को समर्पित किया गया है। स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए 4438 नए पद सृजित किए किए गए हैं। आयकर छूट की सीमा बढ़ाने का फायदा मिलेगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए आधार आधारित हैल्थ कार्ड योजना शुरू करना भी सराहनीय है।
डॉ. मुकेश दाधीच महिलाओं के लिए कुछ नहीं बजट में महिलाओं के लिए कोई विशेष घोषणा नहीं की गई है। खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ नहीं कहा गया है। आयकर छूट की सीमा बढ़ाने से नौकरीपेशा लोगों को निश्चित रूप से फायदा होगा। ग्रामीण विकास पर जोर दिया गया है।
रचना शर्मा, शिक्षिका