भीषण गर्मी से बचाव संबंधी जारी दिशा-निर्देशानुसार सूर्य की तेजी गर्मी के दुष्प्रभाव से शरीर के तापमान नियंत्रण प्रणाली में वितरीत प्रभाव पड़ता है जिसके कारण शरीर का तापमान अनियंत्रित होकर अत्यधिक बढ़ जाता है, जिससे शरीर में पानी और खनिज मुख्यतया नमक की कमी हो जाती है। इस स्थिति को लू लगना(हीट स्ट्रोक) के नाम से जाना जाता है।
तेज धूप व गर्म हवाओं से बढ़ा लू का खतरा
लू के प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, सिर में तेज दर्द होना, अधिक प्यास लगना, पेशाब कम होना व जलन होना, पसीना नहीं आना व भूख कम लगना, चक्कर आना, मांसपेशियों में दर्द, थकावट व कभी-कभी बेहोश हो जाने जैसे लक्षण भी हो सकते हैं। इस तरह के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल ही उपचार कराया जाना चाहिए।
बच्चों पर ध्यान दें
कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने लू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक स्वास्थ्य व्यवस्था, स्वास्थ्य केन्द्रों में जीवन रक्षक घोल की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने लू से बचाव संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करने व अत्यधिक गर्मी से पीडि़त बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं व गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखने की बात कही है।