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कवर्धा में गिरदावरी कार्य से परेशान पटवारियों ने काम का किया बहिष्कार, सरकार के सामने रखी दो सूत्रीय मांग

locationकवर्धाPublished: Sep 09, 2020 12:21:46 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

गिरदावरी कार्य में पटवारी और राजस्व निरीक्षकों पर हो रही प्रताडऩा के संबंध में ज्ञापन सौंपकर दो दिवसीय कार्य नहीं करने फैसला लिया।

कवर्धा में गिरदावरी कार्य से परेशान पटवारियों ने काम का किया बहिष्कार, सरकार के सामने रखी दो सूत्रीय मांग

कवर्धा में गिरदावरी कार्य से परेशान पटवारियों ने काम का किया बहिष्कार, सरकार के सामने रखी दो सूत्रीय मांग

कवर्धा. पिछले माह से लगातार गिरदावरी कार्य करने के चलते पटवारी और राजस्व निरीक्षण परेशान हो चुके हैं। इसके चलते उन्होंने गिरदावरी कार्य में पटवारी और राजस्व निरीक्षकों पर हो रही प्रताडऩा के संबंध में ज्ञापन सौंपकर दो दिवसीय कार्य नहीं करने फैसला लिया। आपदा प्रबंधन से संबंधित समस्त कार्य और कोरोना महामारी के अंतर्गत समस्त कार्य को छोड़कर गिरदावरी व गिरदावरी संबंधित भू-अभिलेख के समस्त कार्य व राजस्व संबंधित सभी कार्यों का पटवारी और राजस्व निरीक्षकों ने 9 और 10 सितंबर को दो दिवसीय बहिष्कार किया।
इसके साथ दो सूत्रीय मांग भी रखी। पटवारियों ने कहा कि गिरदावरी कार्य के दौरान ही राजस्व अधिकारियों एवं राजस्व स्तर के उच्च अधिकारी द्वारा गिरदावरी की जांच कर पटवारियों एवं राजस्व निरीक्षक के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है जो सर्वथा अनुचित है। गिरदावरी उपरांत प्रकाशन व संशोधन उपरांत प्रविष्टियों में गलती पाई जाती है तब दोषी आरोपित करें। प्रकाशन व ऑनलाईन फसल प्रविष्टि बगैर गिरदावरी को पूर्ण न माना जावे धान पंजीयन के लिए समय को बढ़ाए जाने की मांग की।
पटवारियों ने मांग रखी कि पटवारी भू-अभिलेख एवं राजस्व विभाग के संयुक्त कर्मचारी हैं गिरदावरी मूल कर्तव्य है। इससे विमुख नहीं हो सकते, लेकिन फोटोयुक्त गिरदावरी का पटवारी व राजस्व निरीक्षक बहिष्कार करते हैं। राजस्व निरीक्षक द्वारा गिरदावरी जांच का निर्धारण 25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत किया जाए।
ऑनलाइन प्रविष्टियों के लिए बनाई गई सॉफ्टवेयर में कई तरह की तकनीकि खामियां हैं। निराकरण करने वाले सहायक प्रोग्रामर मंत्रालय में रहकर संचालन करते हैं जिसके कारण तहसील व जिला स्तर की समस्याएं यथावत है। हल्का पटवारी को कप्युटराइज्ड पांचशाला खसरा उपलब्ध नहीं कराया गया है। बगैर खसरा के गिरदावरी करवाना तर्कसंगत नहीं है। वहीं फ ोटो खींच कर प्रविष्टि करना व फ ोटोयुक्त प्रविष्टि की जांच करने को पटवारियों ने पूर्णत: अव्यवहारिक बताया।
एक पटवारी के पास 9000 खसरा नंबर
पटवारी व राजस्व निरीक्षक के पास अतिरिक्त हल्का, सर्किल का प्रभार रहता है। एक पटवारी के पास 4000-9000 खसरा नंबर होते हैं सभी को भूमि में सभी फसलों का फोटो लेकर रखना संभव नहीं है। उसी तरह एक राजस्व निरीक्षक के प्रभार क्षेत्र में लगभग 40000-80000 खसरा नंबर आते हैं जिसका 25 प्रतिशत यानि 10000-20000 खसरा प्रविष्टियों की फोटो सहित गिरदावरी जांच पूर्णत: अव्यवहारिक है। इन समस्त कार्यों को संपादन 50 दिनों में किया जाना बहुत मुश्किल है। अनुशासनात्मक कार्रवाई का भय दिखाकर किसी भी क्षेत्रीय कर्मचारी से 100 प्रतिशत शुद्ध गिरदावरी/गिरदावरी जांच की अपेक्षा नहीं की जा सकती है।
बीमा कराने की मांग
कोविड-19 महामारी काल में भी हल्का पटवारी व राजस्व निरीक्षक लोगों की भीड़ में जाकर शासकीय कार्यों के साथ-साथ कोरोना से संबंधित कार्य भी किया जा रहा है। पूरे राज्य में राजस्व निरीक्षक व पटवारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए है जिसमें किसी भी राजस्व कर्मी की मृत्यु भी हो सकती है। अत: स्वास्थ्य कर्मियों की तरह ही राजस्व कर्मियों का बीमा अविलम्ब किया जाए ताकि अनिष्ट होने की स्थिति में संबंधित कर्मचारी के परिवार को वित्तीय राहत मिल सके।
समय से पहले गिरदावरी करा रहे
खरीफ फसल 15 सितंबर से 30 अक्टुबर तक जब वर्षा का प्रवेग कम होता है किया जाना निर्धारित है परंतु विगत वर्षों से खरीफ गिरदावरी को 1 अगस्त से 20 सितंबर तक किए जाने का आदेश दिया गया। पटवारी व राजस्व निरीक्षक वर्षा से अपने अभिलेख को बचाये या गिरदावरी जांच करें। पहले खसरा पांचषाला में ही गिरदावरी की जाती थी परंतु वर्तमान में बगैर तकनीकी संसाधनों, सुविधाओं नेट भत्ता के ऑनलाईन प्रविष्टि और ऑनलाईन प्रविष्टि की फोटो युक्त जांच आवेदन को करने का आदेश जारी किया गया। इस तरह कई परेशानियां सामने रहती है इसके बाद भी काम का बोझ बढ़ाया जाता है।
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