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कवर्धा

पशु औषधालय परिचालक के भरोसे

बीरेन्द्रनगर में पशु औषधालय केन्द्र खोला गया, जो काफी पुराना होने के कारण जर्जर हो चुका है। इसे देखते हुए नए भवन का निर्माण भी कराया गया। ताकि क्षेत्र के पशुपालक किसानों को फायदा मिल सके, लेकिन ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला। पिछले 10 सालों से पशु औषधालय बिना डॉक्टर के ही जैसे-तैसे चल रहा है।

कवर्धाOct 15, 2018 / 01:17 pm

Panch Chandravanshi

Doctorless drug

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कवर्धा. बीरेन्द्रनगर. पिछले कई वर्षों से ग्राम बीरेन्द्रनगर का पशु औषधालय चिकित्सकविहीन है। डॉक्टर नहीं होने के कारण औषधालय सुना पड़ा हुआ है। एक को तो सहेज नहीं पा रहे हैं और अतिरिक्त भवन का निर्माण हो रहा है, जिसका निर्माण कार्य कछुआ गति से चल रहा है।
सहसपुर लोहारा ब्लाक के ग्राम बीरेन्द्रनगर सहित आसपास के गांव कृषि प्रधान क्षेत्र हैं। यहां जीविका का मुख्य साधन कृषि ही है, जिसके चलते गांव के ज्यादातर लोग पशुपालक किसान हैं। क्षेत्र के पशुपालकों को सुविधा मुहैया कराने के लिए बीरेन्द्रनगर में पशु औषधालय केन्द्र खोला गया, जो काफी पुराना होने के कारण जर्जर हो चुका है। इसे देखते हुए नए भवन का निर्माण भी कराया गया। ताकि क्षेत्र के पशुपालक किसानों को फायदा मिल सके, लेकिन ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला। पिछले 10 सालों से पशु औषधालय बिना डॉक्टर के ही जैसे-तैसे चल रहा है। डॉक्टर विहीन औषधालय को संचालित करने की जिम्मेदारी परिचालक की होती है। इसके बावजूद और भी अतिरिक्त भवन बनाया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे भवन बनाने से क्या फायदा जहां पशुपालकों को सुविधा नहीं मिल रहा हो।
10 वर्षों से डाक्टर नहीं
बीरेन्द्रनगर पशु औषधालय एक नहीं, दो नहीं। बल्की पिछले 10 वर्ष से चिकित्सक विहिन है। इतने लंबे वर्षों तक चिकित्सकविहिन औषधालय पर शायद विभागीय अधिकारियों का नजर नहीं पड़ा है। मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण इन दिनों पशुओं में कई प्रकार की बीमारियों को देखा जा रहा है, लेकिन पशु औषधालय में चिकित्सक नहीं होने के कारण मवेशियों को न तो टीका लग पाया है और ही बीमारियों के रोकथाम के लिए कोई उपाए किया जा रहा है।

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