पढ़िए छत्तीसगढ़ से जुडी रहस्यमयी ख़बरें
कवर्धा के भाटकुंडेरा गांव के पुराने तालाब के पास बरगद का पेड़ है। इसके नीचे शिव मंदिर व शीतला मंदिर बने हैं। इसी तालाब के अंदर बगरंग पाठ देव का वह चलने वाला पत्थर मौजूद है। आकृति में आयताकार यह पत्थर रवादार है। लगभग चार फीट लंबा और ढाई फीट चौड़ा है। गांव के लोगों ने पत्रिका को बताया कि 40-50 साल पहले हम लोग ने कुछ ग्रामीणों को साथ लेकर बगरंग पाठ पत्थर को उनके स्थान से उठाकर तालाब किनारे स्थापित करने की कोशिश की। पत्थर वहां रख भी दिया गया, लेकिन सुबह वहां पहुंचने पर पता चला कि पत्थर अपने पुराने स्थान पर पहुंच गया है।
देखिए मछलियों को पानी से बाहर आकर पेड़ों पर चढ़ते देखा : Video
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