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आखिर क्यों करना पड़ा २३ करोड़ का टेंडर निरस्त

locationकवर्धाPublished: Sep 02, 2018 12:29:54 pm

Submitted by:

Yashwant Jhariya

एजेंसी की करीब 2.5 करोड़ की अमानत राशि राजसात होगी

kawardha nagar palika

आखिर क्यों करना पड़ा २३ करोड़ का टेंडर निरस्त

कवर्धा . नगर पालिका की महत्वकांक्षी योजना पर ठेकेदार ने पानी फेर दिया। टेंडर होने के तीन माह बाद भी कार्य प्रारंभ नहीं किया, जिसके चलते सीएमओ ने 23 करोड़ का टेंडर निरस्त कर दिया।
नगरवासियों को भविष्य में पानी की समस्या न हो इसके लिए नगर पालिका परिषद कवर्धा द्वारा 2296.98 लाख की लागत से जल आवर्धन योजना तैयार की गई। अप्रैल में टेंडर प्रक्रिया पूरी हुई, लेकिन ठेका कंपनी द्वारा कार्य प्रारंभ नहीं किया गया। कार्य प्रारंभ करने के लिए पालिका प्रशासन ने मेसर्स तापी प्रीस्टेड प्रोडक्ट पुणे को लगातार पत्र लिखते रहे। बावजूद ठेकेदार ने इस पर ध्यान नहीं दिया गया। आखिरकार लेट लतीफ को देखते हुए मुख्य नगर पालिका अधिकारी सुनील अग्रहरि ने 30 अगस्त को 23 करोड़ का टेंडर निरस्त कर दिया।
अतिरिक्त व्यय भार की भी होगी वसूली
सीएमओ ने 30 अगस्त को ठेकेदार को पत्र के माध्यम से सूचना दिया कि जल आवर्धन योजना का अनुबंध की धारा 20 के तहत अनुबंध निरस्त किया जाता है। साथ ही अनुबंध की धरोहर राशि शासन के हित में राजसात किया जाता है। वहीं प्रस्तावित कार्य को पूर्ण कराने में यदि पालिका प्रशासन पर अतिरक्त व्यय भार आता है तो उक्त कंपनी ठेकेदार से वसूली की जाएगी। क्योंकि अब फिर से निविदा निकाला जाएगा, जिसमें निश्चित रूप से निर्माण की लागत बढ़ेगी।
ठेकेदार को कई दिए गए मौके
पालिका प्रशासन ने कार्य प्रारंभ करने के लिए कई बार पत्र व्यवहार किया। इसके बाद चेतावनी भी दी कि यदि वह कार्य प्रारंभ नहीं करेगा तो अनुबंध निरस्त कर दिया जाएगा। इसके बाद ठेकेदार ने 15 जुलाई तक कार्य स्थल पर स्ट्रक्चरल डिजाइन, ड्राइंग व पाइप सामग्री उपलब्ध कराने की बात कही, लेकिन नहीं किया।
नगर पालिका परिषद कवर्धा के सीएमओ सुनील अग्रहरि का कहना है कि समय पर कार्य प्रारंभ नहीं किया गया, जिसके चलते नियमत: अनुबंध को निरस्त किया गया। वहीं उनकी करीब दो से ढ़ाई करोड़ की धरोहर राशि भी राजसात होगी। अब फिर से निविदा कराया जाएगा। इसमें यदि पालिका निर्धारित राशि के अतिरिक्त व्यय भार पड़ता है तो निरस्त किए ठेकेदार से वसूली होगी।
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