अतिरिक्त व्यय भार की भी होगी वसूली
सीएमओ ने 30 अगस्त को ठेकेदार को पत्र के माध्यम से सूचना दिया कि जल आवर्धन योजना का अनुबंध की धारा 20 के तहत अनुबंध निरस्त किया जाता है। साथ ही अनुबंध की धरोहर राशि शासन के हित में राजसात किया जाता है। वहीं प्रस्तावित कार्य को पूर्ण कराने में यदि पालिका प्रशासन पर अतिरक्त व्यय भार आता है तो उक्त कंपनी ठेकेदार से वसूली की जाएगी। क्योंकि अब फिर से निविदा निकाला जाएगा, जिसमें निश्चित रूप से निर्माण की लागत बढ़ेगी।
सीएमओ ने 30 अगस्त को ठेकेदार को पत्र के माध्यम से सूचना दिया कि जल आवर्धन योजना का अनुबंध की धारा 20 के तहत अनुबंध निरस्त किया जाता है। साथ ही अनुबंध की धरोहर राशि शासन के हित में राजसात किया जाता है। वहीं प्रस्तावित कार्य को पूर्ण कराने में यदि पालिका प्रशासन पर अतिरक्त व्यय भार आता है तो उक्त कंपनी ठेकेदार से वसूली की जाएगी। क्योंकि अब फिर से निविदा निकाला जाएगा, जिसमें निश्चित रूप से निर्माण की लागत बढ़ेगी।
ठेकेदार को कई दिए गए मौके
पालिका प्रशासन ने कार्य प्रारंभ करने के लिए कई बार पत्र व्यवहार किया। इसके बाद चेतावनी भी दी कि यदि वह कार्य प्रारंभ नहीं करेगा तो अनुबंध निरस्त कर दिया जाएगा। इसके बाद ठेकेदार ने 15 जुलाई तक कार्य स्थल पर स्ट्रक्चरल डिजाइन, ड्राइंग व पाइप सामग्री उपलब्ध कराने की बात कही, लेकिन नहीं किया।
नगर पालिका परिषद कवर्धा के सीएमओ सुनील अग्रहरि का कहना है कि समय पर कार्य प्रारंभ नहीं किया गया, जिसके चलते नियमत: अनुबंध को निरस्त किया गया। वहीं उनकी करीब दो से ढ़ाई करोड़ की धरोहर राशि भी राजसात होगी। अब फिर से निविदा कराया जाएगा। इसमें यदि पालिका निर्धारित राशि के अतिरिक्त व्यय भार पड़ता है तो निरस्त किए ठेकेदार से वसूली होगी।
पालिका प्रशासन ने कार्य प्रारंभ करने के लिए कई बार पत्र व्यवहार किया। इसके बाद चेतावनी भी दी कि यदि वह कार्य प्रारंभ नहीं करेगा तो अनुबंध निरस्त कर दिया जाएगा। इसके बाद ठेकेदार ने 15 जुलाई तक कार्य स्थल पर स्ट्रक्चरल डिजाइन, ड्राइंग व पाइप सामग्री उपलब्ध कराने की बात कही, लेकिन नहीं किया।
नगर पालिका परिषद कवर्धा के सीएमओ सुनील अग्रहरि का कहना है कि समय पर कार्य प्रारंभ नहीं किया गया, जिसके चलते नियमत: अनुबंध को निरस्त किया गया। वहीं उनकी करीब दो से ढ़ाई करोड़ की धरोहर राशि भी राजसात होगी। अब फिर से निविदा कराया जाएगा। इसमें यदि पालिका निर्धारित राशि के अतिरिक्त व्यय भार पड़ता है तो निरस्त किए ठेकेदार से वसूली होगी।