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गारंटी अवधि में ही दम तोडऩे लगी अंचल की सड़कें, ग्रामीणों की मुश्किले बढ़ी

locationकवर्धाPublished: Apr 14, 2019 11:41:25 am

Submitted by:

Panch Chandravanshi

निर्माण कार्य में अनियमितता बरती जाने के कारण निर्माण के बाद महज दो-तीन साल में ही सड़कें जवाब देने लगी है। सहसपुर लोहारा विकासखंड के ग्राम पंचायत बंधी से खैरा पहुंच मार्ग इसका जीता जागता उदाहरण है।

The problem of the villagers grew

The problem of the villagers grew

इंदौरी. हर वर्ष प्रशासन योजना बनाकर कोने कोने तक सड़कों की जाल बिछाई जाती है, जिसके लिए प्रशासन से मोटी रकम भी खर्च कर रहे हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में पीएम योजना की सड़कें गुणवत्ताहिन निर्माण के चलते बद से बद्तर होती जा रही है। लोगों को गांरटी अवधि में ही इसका लाभ मिलता नजर नहीं आ रहा है।
लोगों के आवागमन को सुलभ करने के लिए शहर से लेकर गांव तक सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन घटिया निर्माण की चलते यह सड़क समय से पहले ही खराब हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एक गांव से दूसरे गांव को जोडऩे के पीछे प्रशासन के नियत साफ है, लेकिन संबंधित रोड मेकर ठेकेदार की लापरवाही के चलते इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। निर्माण कार्य में अनियमितता बरती जाने के कारण निर्माण के बाद महज दो-तीन साल में ही सड़कें जवाब देने लगी है। सहसपुर लोहारा विकासखंड के ग्राम पंचायत बंधी से खैरा पहुंच मार्ग इसका जीता जागता उदाहरण है। सड़क निर्माण को अभी तीन साल भी पूरे नहीं हुए हैं और मार्ग पर से डामर की परतें उखडऩे से छोटी बड़ी गिट्टी बाहर आ गए हैं, जो वाहन चालक सहित राहगीरों को परेशान कर रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में पीएम व सीएम योजना की सड़कें बदहाल हो गई है। निर्माण को अभी तीन साल ही हुए हैं और पूरे मार्ग पर नुकिले पत्थर निकल आए हैं। आलम यह है कि डामर की परत गायब होने लगी है, जिससे आवागमन में परेशानी हो रही है। छोटे बड़े वाहन इस मार्ग पर गुजरने से धूल उडऩे लगते हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मांग की दुर्दशा कितना गंभीर है। अभी से यह स्थिति है तो बरसात के दिनों में इस मार्ग पर चलने मुश्किल हो जाएगा। दिन में जैसे तैसे इस मार्ग से आवागमन हो जाती है, लेकिन रात को इस मार्ग पर दो पहिए वाहन से सफर करना चुनौती भरा रहता है। अक्सर वाहन चालक गिट्टी के बिखराव पर फिसल कर चोटिल हो रहे हैं।
दो साल में खुली पोल
निर्माण के दो-तीन साल बाद ही पक्की सड़क का हाल बेहाल हो चुका है। आलम यह है कि मार्ग को अब मरम्मत की दरकार है, जो सड़क की गुणवत्ता पर सवाल खड़ी कर रहा है। सड़क पर गिट्टी की बिखराव से गुणवत्ता का अंदाजा लगाया जा सकता है। शायद ग्रामीण क्षेत्र में निर्माण कार्य कुछ इस तरह की होते हैं। सड़क निर्माण के समय ठेकेदार द्वारा घोर लापरवाही बरती गई है। इसके चलते ही सड़क समय से पहले ही खराब हो चुका है। अगर समय रहते मरम्मत नहीं हुआ तो आने वाले बरसात के दिनों में इसकी स्थिति और भयानक हो जाएगी।
मरम्मत नहीं होने से गिट्टी का बिखराव
मरम्मत नहीं किए जाने से मार्ग पर चलना मुश्किल हो रहा है। छोटे बड़े पत्थर व बोल्डर उखड़ कर मार्ग में बिखरे पड़े हुए हैं। इससे आवागमन करने वाले ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बावजूद विभागीय अमला मार्ग की दशा सुधरवाने ध्यान नहीं दे रहे हैं। ऐसे में वाहन सवार इस मार्ग में गुजरते हुए दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं।
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