निर्माण के दो-तीन साल बाद ही पक्की सड़क का हाल बेहाल हो चुका है। आलम यह है कि मार्ग को अब मरम्मत की दरकार है, जो सड़क की गुणवत्ता पर सवाल खड़ी कर रहा है। सड़क पर गिट्टी की बिखराव से गुणवत्ता का अंदाजा लगाया जा सकता है। शायद ग्रामीण क्षेत्र में निर्माण कार्य कुछ इस तरह की होते हैं। सड़क निर्माण के समय ठेकेदार द्वारा घोर लापरवाही बरती गई है। इसके चलते ही सड़क समय से पहले ही खराब हो चुका है। अगर समय रहते मरम्मत नहीं हुआ तो आने वाले बरसात के दिनों में इसकी स्थिति और भयानक हो जाएगी।
मरम्मत नहीं किए जाने से मार्ग पर चलना मुश्किल हो रहा है। छोटे बड़े पत्थर व बोल्डर उखड़ कर मार्ग में बिखरे पड़े हुए हैं। इससे आवागमन करने वाले ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बावजूद विभागीय अमला मार्ग की दशा सुधरवाने ध्यान नहीं दे रहे हैं। ऐसे में वाहन सवार इस मार्ग में गुजरते हुए दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं।