वृक्षों की अंधाधुंध कटाई के चलते क्षेत्र में ठूंठ ही ठूंठ नजर आ रही है। इससे साफ है कि वनों लगातार कुल्हाड़ी चल रही है। ऐसे में इमारती वृक्षों पर अस्तित्व का खतरा मंडरा रहा है। जबकि क्षेत्रीय अधिकारियों की कार्यवाही शून्य है और जिम्मेदार गंभीर मामले पर भी कुमकर्णी नींद पर सोए हुए। जो चिंता का विषय है।