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किराए के भवन में संचालित हो रहा पटवारी का काम-काज

locationकवर्धाPublished: Feb 10, 2019 11:30:30 am

Submitted by:

Panch Chandravanshi

ग्राम बीरेन्द्रनगर में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां किराए भवन में पटवारी कार्यालय संचालित हो रहा है। खुद का भवन नहीं होने के कारण पटवारी को किराये की भवन में बैठकर काम काज निपटाना पड़ रहा है।

Patwari in the rented house

Patwari in the rented house

बीरेन्द्रनगर. किसानों को सुविधा पहुंचाने के लिए पंचायत स्तर पर मुख्यालय खोला गया, जहां पटवारी सप्ताह में दो दिन रहकर किसानों के काम काज को निपटा सके, लेकिन ज्यादातर पटवारी में ताला लटक रहा है। वहीं कई पटवारी कार्यालय देखरेख के अभाव में खण्डहर में तब्दील हो चुका है। ऐसे में पटवारियों को किराए के भवन में काम करना पड़ रहा है।
ग्राम बीरेन्द्रनगर में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां किराए भवन में पटवारी कार्यालय संचालित हो रहा है। खुद का भवन नहीं होने के कारण पटवारी को किराये की भवन में बैठकर काम काज निपटाना पड़ रहा है। ग्राम बीरेन्द्रनगर सहित आसपास के किसानों के लिए यह दुर्भय की बात है, जो क्षेत्र का सबसे बड़ा पंचायत व पूर्व विधानसभा क्षेत्र होते हुए भी न तो पटवारी कार्यालय की स्थिति ठीक है और न ही आरआई भवन की। दोनों ही भवन जर्जर होकर खण्डहर में तब्दील हो चुका है, जिसके चलते पटवारी को किराये के भवन में बैठकर कार्य करना पड़ता है।
खण्डहर में तब्दील पटवारी कार्यालय
सहसपुर लोहारा ब्लाक के ग्राम पंचायत बीरेन्द्रनगर में बने पटवारी व आर आई भवन खण्डहर में तबदिल हो चुका है। भवन के खिड़की, दरवाजे टुट चुके हैं। वहीं साफ सफाई के अभाव में चारों ओर घास फूंस उग आए हैं। ऐसे में सुबह शाम घुमंतु मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है। लाखों रुपए खर्च कर भवन तो बनाया गया, लेकिन रखरखाव के अभाव में आरआई और पटवारी भवन खण्डहर में तब्दील हो चुका है। भवन होकर भी ग्रामीणों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। मजबूरीवश काम-काज निपटाने के लिए पटवारी को किराए का भवन लेना पड़ रहा है। इस प्रकारप पटवारियों को किसी प्रकार की सुविधा नही मिल रही है।
किसानों की मांग नए पटवारी भवन
बीरेन्द्रनगर सहित आसपास के पुरा क्षेत्र कृषि पर ही निर्भर है। लोगों का मुख्य जरिया किसानी ही है और आए दिन किसी न किसी किसान को पटवारी से काम होता है। इसलिए क्षेत्र के किसानों की मांग है बीरेन्द्रनगर में जल्द से जल्द नए पटवारी भवन का निर्माण किया जाए। ताकि पटवारी अपने कार्यालय में रहकर किसानों का काम निपटा सके। पुराने भवन की स्थिति को देखते हुए बीरेन्द्रनगर में नए पटवारी भवन की आवश्यता है। ताकि किसानों को अपने छोटे मोटे काम काज के लिए इधर उधर भटकना न पड़े। पटवारी को भी जब स्थायी भवन मिलेगा तो वे भी किसानों के कामों को नियत समय में कर पाएंगे।
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