इस संसार में मां को भगवान से भी बढ़कर स्थान दिया गया है। क्योंकि वह न सिर्फ हमें जन्म देती है बल्कि हमें पाल-पोस कर जीने और इस दुनिया में रहने के लायक बनाती है। यदि मां बीमार हो जाती है, तो कितना बुरा लगता है। यह हम ही जानते हैं, लेकिन मां के प्रति यही प्रेम, भक्ति और भावना उस वक्त कहां चली जाती है जब हम प्रकृति पर अत्याचार करते हैं। एक मां हमें जन्म देती है, लेकिन यह प्रकृति भी तो एक मां ही है, जो हमें न सिर्फ जीने के लिए स्थान देती है बल्कि हमें भोजन भी देती है। फिर भी हम इसे नुकसान पहुंचाने पर लगे हैं। आज विश्व पृथ्वी दिवस पर पर्यावरण को बचाने का संकल्प लेने की जरुरत है।
पृथ्वी को हरा भरा रखने व प्रदूषण से बचाए रखना हम सब की जिम्मेदारी है। इसके लिए प्रत्येक लोगों को जागरुक होने की जरुरत है। जागरुकता के साथ पृथ्वी को सुंदर व समृद्ध बनाने के लिए पहल जरुरी है। इसके लिए अधिक से अधिक मात्रा में पौधारोपण किया जाना चाहिए। हम केवल किसी दिन विशेष वसुंधरा की सुध लेते हैं और दो चार पौधारोपण कर भूल जाते हैं, जबकि पौधारोण के बाद जब पौधे विकसित नहीं हो जाता, तब तक उसकी सुरक्षा व देखभाल भी जरुरी है। विश्व पृथ्वी दिवस पर हम सबको संकल्पित होने की जरुरत है।