ग्राम पंचायत गुढ़ा स्थित आगनबाडी क्रमांक ०1 में समस्या बढ़ती जा रही है। वर्षों पुराना आंगनबाड़ी का दीवार जर्जर हो चुका है, जो गिरने की स्थिति में आ गया है। साथ ही यहां आज तक बिजली नहीं पहुंच पाई है। शौचालय उपयोग करने के लायक नहीं है और सबसे बड़ी समस्या पास में स्थित हैण्डपम्प पिछले 3 महीने से खराब है। इसके चलते बच्चों के सामने पेयजल की समस्या खड़ी हो गई है।
गांव में आंगनबाड़ी भवन का हाल किसी से छिपा नहीं है। जनप्रतिनिधियों से लेकर विभागीय अधिकारी भी इस बात से अच्छी तरह वाफिक हैं। इसके बाद भी भवन मरम्मत को लेकर कोई कवायद नहीं की जा रही है। ग्राम पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीणों द्वारा भवन की रिपेयरिंग के लिए विभाग को आवेदन दिया गया था, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। इस बात को सालभर से ज्यादा हो गए, लेकिन हालात ज्यों कि त्यों बनी हुई है।
्रग्रामीण क्षेत्रों के आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन केवल कागजों पर हो रहा है। विभाग के जिम्मेदार तरह-तरह के वादे करते हैं, लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत ही है। अधिकांश आंगनबाड़ी भवन के लिए जूझ रहें है। वहीं जिनके पास खुद के भवन हैं, उनकी भी हालत काफी अच्छी नहीं है। शासन द्वारा योजना को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं। इसके बाद भी आंगनबाड़ी की तस्वीर नहीं बदी रही है। इसका सबसे बड़ा कारण विभागीय लापरवाही को माना जा रहा है। सही क्रियान्वयन नहीं होने से बच्चों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।