एक कॉल पर सड़कों पर दौडऩे वाली 108 एंबुलेंस कबाड़
-सात एंबुलेंस वाहन खराब होने के बाद पुराने सीएमओ कार्यालय में पड़े
-नीलामी की प्रक्रिया जेडी कार्यालय में अटकी, वाहनों से हो रहे पाट्र्स चोरी

खंडवा.
एक कॉल पर सड़कों पर दौडऩे वाली एंबुलेंस 108, जननी एक्सप्रेस गाडिय़ों में से अधिकतर वाहन राइटऑफ हो चुके है। इसमें से सात वाहन तो पिछले कई सालों से पुराने सीएमएचओ कार्यालय में कबाड़ हो रहे है। इन वाहनों में से कई पाटर्स भी गायब हो चुके है। इन वाहनों की नीलामी प्रक्रिया ज्वाइंट डायरेक्टर कार्यालय इंदौर में अटकी पड़ी है। अब नीलामी के लिए इन वाहनों को सीएमएचओ के हैंड ओवर करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
नेशनल एंबुलेंस सर्विस के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा 15 साल पहले सैंट्रलाइज्ड सिस्टम से एंबुलेंस 108 सेवा शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य था कि किसी भी दुर्घटना, घटना की जानकारी मिलने पर तत्काल मरीज को चिकित्सकीय सेवा मिले। साथ ही दूरदराज क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को प्रसव के समय तत्काल सहायता मिले और मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी आए। उस समय जिले में भी करीब 50 वाहन सड़कों पर उतारे गए थे। इसमें से सात वाहन पिछले 10 सालों में कबाड़ हो गए है। दरअसल शासन के नियमानुसार 4.50 लाख किमी चलने के बाद वाहन को चलन से बाहर मान लिया जाता है। उस समय सारे वाहनों की खरीदी स्वास्थ्य विभाग द्वारा ही की गई थी। इन वाहनों पर भी एनएएस भोपाल का ही अधिकार है। इसके कारण खंडवा सीएमएचओ कार्यालय में खड़े वाहनों की नीलामी प्रक्रिया अटकी हुई है। एंबुलेंस 108 के मेंटनेंस प्रभारी संदीप भार्गव ने बताया कि हमारे द्वारा इन वाहनों को सीएमएचओ के हैंड ओवर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। आगे की कार्रवाई अब इंदौर संयुक्त संचालक कार्यालय से की जाएगी।
15 साल से कबाड़ पड़े तीन वाहन
एंबुलेंस 108, जननी एक्सप्रेस के साथ ही सीएमएचओ के अधीन तीन वाहन भी पिछले कई साल से कबाड़ में पड़े हुए है। इसमें से कुष्ठ रथ और सीएमएचओ की पुरानी जीप तो 15 साल से पुराने सीएमएचओ कार्यालय में खड़ी हुई है। इन वाहनों की भी नीलामी की कार्रवाई आज तक नहीं की गई है। समय पर इन वाहनों को नीलाम किया जाता तो शासन को अच्छा राजस्व मिल जाता। विभाग के अनुसार जननी एक्सप्रेस के साथ ही अब इन वाहनों को भी नीलाम किया जाएगा।
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