हाईकोर्ट के निर्देश के बाद नाले पर बनी 15 दुकानों को हटाया
स्थानीय प्रशासन ने अति स्थानीय प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के मामले में लीपापोती कर पूर्ण रूप से
खंडवा
Updated: April 27, 2022 07:07:34 pm
ओंकारेश्वर. हाईकोर्ट के आदेश पर सोमवार को ओंकारेश्वर के पुराने बस स्टैंड के पास बने नाले पर से 15 दुकानदारों का अतिक्रमण हटाया गया। सोमवार सुबह नगर परिषद की अतिक्रमण टीम अपने दल बल के साथ पहुंची और नाले पर अतिक्रमण कर बनाई १५ दुकानों को जेसीबी मशीन की मदद से हटा दिया गया।
अतिक्रमण हटाने के दौरान पुनासा तहसीलदार व नगर परिषद सीएमओ मोनिका पारधी और नीरज रावत सहित भारी पुलिस बल मौजूद रहा। बता दें कि ओंकारेश्वर के महेंद्र पिता भोलाराम चौकसे ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई थी। इसमें यात्री के लिए धर्मशाला और पुराने बस स्टैंड के पास बने नाले पर से अतिक्रमण हटाने के लिए कोर्ट से निवेदन किया था। जिस पर हाईकोर्ट ने नाले पर से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए और चार-पांच महीने पहले नाले पर से अतिक्रमण हटा दिया गया था। किंतु महेंद्र कुमार चौक से स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई से असंतुष्ट थे और उन्होंने पुन कोर्ट में आवेदन लगाया कि स्थानीय प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के मामले में लीपापोती कर पूर्ण रूप से अतिक्रमण नहीं हटाया। अत: नाले पर से अतिक्रमण हटाया जाए।
&उच्च न्यायालय के आदेश पर नाले के ऊपर बनी 15 दुकानों का अतिक्रमण हटाया गया है। याचिकाकर्ता ओंकारेश्वर के महेंद्र चौकसे ने इसकी शिकायत की थी। उसी के आधार पर यह कार्य हटाया है।
राजेश पाटीदार, तहसीलदार पुनासा
& पूर्व में नाले के ऊपर का अतिक्रमण हटाया था. किंतु याचिकाकर्ता द्वारा पुन: आवेदन दिया था कि नाले का अतिक्रमण नहीं हटा। इसलिए नाले की ऊपर और नाले से 4 फीट अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई है।
मोनिका पारधी, सीएमओ, नगर परिषद
गहरी नाली से परेशान ग्रामीण
अहमदपुर खैगाव. पंधाना विधानसभा के ग्राम मलगांव में चट्टान की तरह दिख रही यह नाली किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रही है। गांव का मुख्य मार्ग होने के कारण सभी ग्रामीण लोग इस नाली से होकर गुजरते हैं। आए दिन यहां पर मोटरसाइकिल गिरते हुए नजर आती है। यहां तक की गर्भवती महिलाओं को भी इस गहरी नाली की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ा है, इसके बावजूद इसके ग्राम सरपंच इस समस्या को नजरअंदाज करते नजर आ रहे हैं। जबकि गांव के सरपंच इसी नाली से कई बार होकर गुजरते हैं लेकिन किसी ने भी इस नाली के दुरुस्ती करण का काम नही करवाया , सवाल यह खड़ा होता है कि गांव की समस्याओं को दूर करने के लिए केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक प्रयास कर रही है।
ग्राम पंचायतों में पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है। दूसरी ओर गांव में इस तरह की तस्वीर से उन सभी दावों की पोल खुल जाती ह।ै जो ग्राम पंचायत में विकास कार्य को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं बता दें कि यह समस्या विगत 2 वर्षों से बनी हुई है, लेकिन अभी तक इसका हल नहीं निकाला जा सका। अगर कल कोई हादसा हो जाता है तो फिर इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। क्या ग्राम पंचायत इस समस्या का कोई हल निकालेगा या फिर ऐसे ही ग्रामीणों को आए दिन इस समस्या से दो चार होना ही पड़ेगा ।

हाईकोर्ट के निर्देश के बाद नाले पर बनी 15 दुकानों को हटाया
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