– 5वीं में 30 फीसदी मौखिक व 70 फीसदी लिखित होता था और 8वीं में 90 फीसदी लिखित व 10 फीसदी मौखिक होता था।
– अब 5वीं में भी 10 फीसदी मौखिक व 90 फीसदी लिखित होगा, क्योंकि 33 फीसदी अंक लाने पर तो विद्यार्थी उत्तीर्ण ही हो जाते हैं।
– इंग्लिश सबसे ज्यादा कमजोर है इसलिए निबंध, एप्लीकेशन, लेटर, अनसीन पैसेज व राइटिंग स्कील सहित प्रश्नोत्तर व पोयम पर ध्यान दे रहे हैं।
सरकारी स्कूलों का रिजल्ट बेहतर करने के साथ ही वहां की अधोसंरचनात्मक स्थिति को सुदृढ़ करने की सोच के साथ शुरू की किए गए सुपर-1000 मिशन को जिले में बड़ा झटका लगा है। यहां ऐसे स्कूलों का चयन किया गया है, जिनका नाम तो बड़ा है लेकिन हालात बहुत कमजोर। त्रेमासिक परीक्षा में ही ये स्कूल 50 फीसदी से कम रिजल्ट पर रूक गए। इतना ही नहीं, किसी स्कूल में महज 12 तो कहीं 14 फीसदी रिजल्ट आया है। मिशन के तहत चयनित स्कूलों में 16 ऐसे हैं, जो रिजल्ट में कमजोर साबित हुए हैं। कलई खुलने के बाद अब इन स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं को रिजल्ट बेहतर करने के तरीके सिखाए जा रहे हैं। इन्हें बताया जा रहा है कि किस तरह इस मिशन की अवधारणा को साकार किया जाना है।