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7 एकड़ बंजर जमीन पर तैयार कर दिए 970 पेड़, अब लाखों की आमदनी

locationखंडवाPublished: Oct 20, 2020 11:17:54 am

Submitted by:

tarunendra chauhan

बंजर जमीन पर 7 प्रजातियों के 970 पौधे रोपे, अब फल आने शुरू
 
 

Guava garden

Guava garden

खंडवा. आदिवासी ब्लॉक खालवा में पदस्थ रेंजर पटाजन में बस गए। सेवानिवृत्ति के बाद समय नहीं कटता था तो, उन्होंने 7 एकड़ बंजर जमीन खरीद ली। पहले साल पारंपरिक फसलें लगाईं, लेकिन जंगल से लगा होने से कारण जंगली शूकर व अन्य जानवर फसल चट कर जाते थे। इसके बाद उन्होंने पूरे खेत में बगीचा लगाने की योजना बनाई। और विभिन्न प्रजातियों के पौधे खरीदकर रोपण कर दिया। दो साल पूरे जमकर मेहनत की। तीसरे वर्ष से पेड़ों में फल आने शुरू हो गए। जाम की पहली फसल उन्होंने बेचने की बजाय गांव के लोगों को खिलाई। दूसरी फसल का उन्होंने छह लाख में सौदा कर दिया है। अब बगीचे से हर साल 10 लाख रुपए की कमाई की संभावना है।

बंजर भूमि को आय का साधन बनाने वाले हैं सेवानिवृत्त रेंजर यशवंत सिंह जाटव। मूलत: भिंड जिले के निवासी जाटव ने वन विभाग में नौकरी करते हुए लंबा समय खालवा ब्लॉक में बिताया। इस दौरान क्षेत्र से लगाव होने से उन्होंने यहीं बसने का मन बना लिया। सेवानिवृत्ति आने से पहले उन्होंने पटाजन में 7 एकड़ जमीन खरीद ली। अन्य किसानों की तरह रबी और खरीफ की फसल की बोवनी की, लेकिन उसमें जंगली जानवरों के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा। इसके बाद उन्होंने उद्यानिकी फसल लगाने का निर्णय लिया। करीब 3 साल पहले बड़वाह की एक नर्सरी से जाम, नींबू, संतरा, चीकू, आम व कटहल के कुल 970 पौधे खरीदकर लाए और उन्हें रोपकर पेड़ बनने तक सेवा में जुट गए। पौधों के लिए गोबर की खाद भी खरीदना पड़ी। तीन साल की मेहनत रंग लाई और अब पेड़ों में फल लगने लगे हैं। बगीचे पर उन्होंने फल लगने तक करीब 3 लाख रुपए की लागत लगाई है।

बिजली नहीं थी तो टैंकर से की सिंचाई
पौधों की सिंचाई के लिए जाटव ने खेत में ट्यूबवेल व कुआं खुदवा लिया, लेकिन बिजली की समस्या थी। इसका समाधान उन्होंने ही निकाला। ट्रैक्टर घर का था अत: एक लाख रुपए खर्च कर टैंकर खरीद लाए और पौधों की सिंचाई कर उन्हें जिंदा रखा। अब बिजली पहुंचने से अच्छे से सिंचाई हो रही है।

जाम का सौदा, नींबू एक माह बाद तैयार
जाटव ने बताया उन्होंने जाम के 600 पौधे लगाए हैं। फल तो पिछले साल आ गए थे। मेरी इच्छा थी कि पहली फसल नहीं बेचना है अत: गांव के लोगों को मुफ्त में खिलाए। इस साल भी अच्छी फसल आई है। एक हजार में एक पौधे का सौदा कर दिया है। 600 पौधों का सौदा छह लाख में तय किया है। कुछ माह बाद नींबू की फसल भी आ जाएगी। गर्मी तक संतरा व मौसंबी भी लगने लगेंगे।

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