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गंभीर बीमारियों के मरीज देख रहे लॉक डाउन खुलने के राह

locationखंडवाPublished: Jun 01, 2020 09:11:08 pm

-300 से ज्यादा मेजर ऑपरेशन पेंडिंग, माइनर भी हो रहे कम-सिजेरियन डिलीवरी का भी ग्राफ हुआ कम, संस्थागत प्रसव भी घटे

सिजेरियन डिलीवरी का भी ग्राफ हुआ कम, संस्थागत प्रसव भी घटे

300 से ज्यादा मेजर ऑपरेशन पेंडिंग, माइनर भी हो रहे कम

खंडवा.
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग का सारा अमला जुटा हुआ है। मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल के डॉक्टर्स से लेकर नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ भी कोविड अस्पताल व कोरोना की ड्यूटी में लगा हुआ है। इसका असर जिला अस्पताल में होने वाले गंभीर मरीजों के ऑपरेशन पर पड़ रहा है। डॉक्टर्स व स्टाफ की कमी के चलते पिछले दो माह से कोई मेजर ऑपरेशन नहीं हुआ है, जिसके कारण करीब 300 बड़े ऑपरेशन पेंडिंग पड़े हुए है। वहीं, समय-समय पर माइनर ऑपरेशन जरूर हो रहे है।
मार्च में कोरोना का प्रकोप बढऩे के साथ ही जिला अस्पताल में इलेक्टिव ओपीडी बंद कर दी गई थी। साथ ही ऑपरेशन थियेटर में बड़े ऑपरेशन भी बंद हो गए थे। ऑपरेशन थियेटर बंद होने से तत्कालीन समय में ही कई केस ऑपरेशन के पेंडिंग थे, जिन्हें डॉक्टर्स ने ऑपरेशन के लिए समय दे दिया था, लेकिन ऑपरेशन होने से पहले ही इलेक्टिव ऑपरेशन बंद होने से ये मरीज कुछ दिन तो भर्ती रहे फिर वापस घर चले गए। निजी अस्पतालों में भी कोरोना के डर से कोई बड़ा ऑपरेशन नहीं किया गया, जिसके चलते लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसमें पेट की गठान, आंतों के ऑपरेशन, हड्डी रोग के कई बड़े ऑपरेशन फिलहाल पेंडिंग पड़े हुए है। उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल की ओटी में रोजाना सर्जरी विभाग और अस्थी रोग विभाग के चार से पांच मेजर ऑपरेशन होते है। वहीं, चार से पांच माइनर ऑपरेशन भी होते है, जिसमें से अति आवश्यकता वाले माइनर ऑपरेशन जरूर किए जा रहे है।
लेडी बटलर में भी सीजर हुए कम
जिला अस्पताल के लेडी बटलर में संस्थागत प्रसव के साथ ही सिजेरियन डिलीवरी भी कम हुई है। एक माह में करीब 250 तक ऑपरेशन लेडी बटलर में किए जाते है। वर्तमान में इसकी संख्या 180 तक पहुंच गई है। वहीं, संस्थागत प्रसव की संख्या भी कम हुई है। मार्च माह में जहां 492 नार्मल डिलीवरी और 226 सीजर हुए थे। वहीं, अप्रैल में नार्मल डिलीवरी 348 और सीजर डिलीवरी 200 तक पहुंची थी। मई में तो नार्मल डिलीवरी 275 तक सीमित रह गई और सिजेरियन डिलीवरी 183 तक पहुंच गई। कोरोना के डर से लोग डिलीवरी के लिए अस्पताल तक भी नहीं पहुंच रहे हैं।
ऑपरेशन के लिए एनेस्थिसिया की कमी
कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल के डॉक्टर्स व स्टाफ की ड्यूटी कोरोना में लगा दी गई है। कोविड अस्पताल के आयसोलेशन वार्ड में एनेस्थेटिक का वेंटिलेटर ऑपरेट करने के लिए होना जरूरी है। जिसके कारण जिला अस्पताल और लेडी बटलर में कुल दो एनेस्थिसिया ही बचे है। लेडी बटलर में गंभीर केसों में सिजेरियन डिलीवरी अनिवार्य होने से एनेस्थेटिक्स अधिकतर समय वहां पर ड्यूटी करते है। जिसके चलते जिला अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं।
मेजर ऑपरेशन फिलहाल नहीं हो पा रहे
एनेस्थिसिया की कमी के कारण मेजर ऑपरेशन हम फिलहाल नहीं कर पा रहे हैं। हमारे कई केस पेंडिंग पड़े हुए है। एनेस्थेटिक और स्टाफ मिलने के बाद ही ऑपरेशन करना शुरू किया जाएगा।
डॉ. अजय गंगजी, एचओडी सर्जरी विभाग
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