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फीस नहीं चुका सके तो प्रबंधन ने दी सजा, 100 से ज्यादा बच्चों को किया स्कूल से बाहर

locationखंडवाPublished: Oct 05, 2021 03:41:42 pm

Submitted by:

Faiz

शहर के एक निजी स्कूल प्रबंधन ने अपने यहां की सभी कक्षाओं से चुनकर करीब 100 से अधिक छात्रों को सिर्फ इसलिये स्कूल से बाहर निकाल दिया, क्योंकि, उनके अभिभावक उस समय तक स्कूल फीस नहीं जमा कर सके थे।

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फीस नहीं चुका सके तो प्रबंधन ने दी सजा, 100 से ज्यादा बच्चों को किया स्कूल से बाहर

खंडवा. सरकार और प्रशासन की तमाम पाबंदियों के बावजूद निजी स्कूलों की मनमानी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसा ही एक नजारा मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में सामने आया है। शहर के एक निजी स्कूल प्रबंधन ने अपने यहां की सभी कक्षाओं से चुनकर करीब 100 से अधिक छात्रों को सिर्फ इसलिये स्कूल से बाहर निकाल दिया, क्योंकि, उनके अभिभावक उस समय तक स्कूल फीस नहीं जमा कर सके थे। हालांकि, स्कूल प्रबंधन की ओर से अपना अलग तर्क देते हुए कहा कि, जिन छात्रों को स्कूल से बाहर खड़ा किया गया है, वो परीक्षा के समय अपना एडमिट कार्ड लेकर नहीं आए थे।


मध्य प्रदेश के खंडवा में ‘द निमाड़ एजुकेशन सोसाइटी’ नाम की एक संस्था है, जिनका ‘अरविंद कुमार नितिन कुमार’ नाम से एक स्कूल है। यहां बच्चों को स्कूल से बाहर निकालने का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसे सोमवार सुबह करीब 8 बजे का बताया जा रहा है। बाहर किये गए छात्रों का कहना है कि, स्कूल ने 100 से अधिक बच्चों को बाहर करके स्कूल का गेट बंद करके ताला डाल दिया था। इस दौरान ये सभी बच्चे करीब दो घंटों तक स्कूल से बाहर ही खड़े रहे। स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को उस समय वापस स्कूल में प्रवेश दिया, जब मामले की जानकारी लगते ही कुछ छात्रों के परिजन स्कूल पहुंच गए और हंगामा किया। इस दौरान छात्रों के अभिभावक और स्कूल प्रबंधन के बीच जमकर बहस भी हुई।

 

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पुलिस की समझाइश के बाद शांत हुआ मामला

वहीं, जब स्कूल प्रबंधन और छात्रों के अभिभावकों के बीच विवाद की सूचना पुलिस को मिली, तो डायल 100 टीम दल-बल के साथ तुरंत ही मौके पर पहुंच गई। यहां पुलिस द्वारा अभिभावकों को समझाइश दी गई और स्कूल प्रबंधन से भी बात की गई, तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ, तब कहीं जाकर स्कूल प्रबंधन ने छात्रों को स्कूल में प्रवेश दिया।


स्कूल प्रबंधन ने कही ये बात

मामले को लेकर ‘अरविंद कुमार नितिन कुमार स्कूल’ प्रबंधक सतीश पटेल ने कहा कि, बच्चो को बाहर नहीं किया गया। अभी परीक्षा चल रही है, जिसके लिए हमने एक हफ्ते पहले ही एडमिट कार्ड जारी कर दिए थे। जिन बच्चों के पास एडमिट कार्ड थे, वो परीक्षा दे सकते थे। आज जो बच्चे बिना एडमिट कार्ड के आए, तो उन्हें क्लास से बाहर निकाला है। जिन अभिभावकों ने फीस जमा नहीं की थी उनके बच्चों के एडमिशन कार्ड रोके गए थे। बाद में परिजन से लिखित में फीस जमा करने की बात कही है, जिसके बाद बच्चों को स्कूल प्रबंधक द्वारा परीक्षा में बैठाने की अनुमति दी।

 

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अभिभावकों ने कही ये बात

वहीं, दूसरी तरफ बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि, लॉकडाउन और आर्थिक हालात तंग होने के चलते हममे से कई पेरेंंट्स की आर्थिक स्थिति खराब है। इस कारण कुछ बच्चों के परिजन फीस जमा नहीं कर पा रहे हैं। लेकिन बच्चों को परीक्षा से वंचित करना और बच्चों को स्कूल से बाहर करना, ये तो अन्याय है। यह सिर्फ हठधर्मिता है, स्कूल प्रशासन की जिला प्रशासन को इसी स्कूल प्रबंधक के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करना चाहिए।


पुलिस ने कही ये बात

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इधर, पुलिस का कहना है कि स्कूल के कुछ बच्चों को फीस नहीं भरने के कारण बाहर निकाला गया था। सूचना मिलने पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची, जिसने स्कूल प्रबधन और परिजनों को समझाइश देकर मामला शांत कराया। जिन अभिभावकों को फीस भरने में समय लग रहा था उन्हें समय ले लिया है। स्कूल मैनेजमेंट ने भी इस बात को मान ली है।

 

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बच्चों के दिमाग पर पड़ेगा गलत प्रभाव

गौरतलब है कि, एक और प्रदेश सरकार बच्चों को अच्छी शिक्षा देने की बात कर रही है। लेकिन, निजी स्कूलों की मनमानी सरकारी आदेशों का लगातार मखोल उड़ा रहे हैं। कई जगहों पर तो छात्रों के भविष्य तक से खिलवाड़ होने के मामले सामने आ रहे हैं। लेकिन इन निजी स्कूलों की मनमानी के चलते बच्चों का भविष्य खतरे में नजर आ रहा है। क्योंकि अगर परीक्षा से पहले बच्चे इस तरह के हंगामे से गुजरेंगे, तो उनकी परीक्षा और पढ़ाई पर क्या असर पड़ेगा?

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