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70 मशीनें दो साल से निगम में है तालाबंद, 50 नई मशीन अब यहां लाने की फिर तैयारी

locationखंडवाPublished: Nov 20, 2019 12:27:26 pm

ये है नगर निगम…एंड्रायड बेस्ड हैंड हेल्ड मशीनों को निगम शुरू नहीं करा पाया, मोहर्रिर के पास होती है ये मशीनें तो कागजी खानापूर्ति से मिलती राहत।

android based hand held machine in nagar nigam khandwa

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अमित जायसवाल,
खंडवा. जल कर, संपत्ति कर सहित तमाम प्रकार के टैक्स जमा करने के लिए निगम के पास दो साल में 70 मशीनें आईं। लेकिन सिस्टम के बेपटरी होने का उदाहरण देखिए, इनमें से एक भी मशीन का उपयोग नहीं हो पाया है। अब ये तालाबंद हो गईं हैं।
ऑनलाइन पेमेंट के इस दौर में टैक्स से संबंधित बिलों के भुगतान के लिए नई सुविधा शुरू होने के दावे असल में सरकारी सिस्टम के चलते दम तोड़ रहे हैं। नगर निगम में 2017 से लेकर अब तक दो अलग-अलग समय में पहले 40 और फिर 30 एंड्रायड बेस्ड हैंड हेल्ड मशीन और इजी टैप आए। लेकिन निगम में इन्हें शुरू ही नहीं कराया जा सका। इन मशीनों को ताले में बंद करके रख दिया गया। जबकि आज भी काम कागजों के इर्द-गिर्द घूम रहा है।
50 नई मशीनें लाने की तैयारी
निगम में पहले एचडीएफसी बैंक ने 40 और फिर आइसीआइसीआइ बैंक ने 30 मशीनें दी हैं, इनका उपयोग नहीं हो पाया। अब एक्सिस बैंक यहां 50 नई मशीनें देने की तैयारी कर रहा है। निगम से इस संबंध में संपर्क भी साधा गया है। इस बीच बड़ा सवाल ये उठ खड़ा हुआ है कि जब पहले की 70 मशीनों का उपयोग नहीं हो पाया तो अब इन नई मशीनों के संबंध में क्या निर्णय लिया जाएगा?
यह बताई जा रही है बड़ी वजह
एंड्रायड बेस्ट हैंड हेल्ड मशीनों का उपयोग निगम में नहीं हो पाने की बड़ी वजह ये सामने आ रही है कि ये सॉफ्टवेयर इंटीग्रेटेट नहीं है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने अब तक संबंधित बैंकों को सॉफ्टवेयर उपयोग के लिए अधिकृत नहीं किया है। ऐसे में ये मशीनें काम में नहीं आ पा रही हैं। निगम द्वारा इस संबंध में यूएडीडी से पत्राचार भी किया गया है लेकिन अब तक जवाब ही नहीं आया।
इस तरह से काम करती मशीनें, ये होते फायदे
निगम के पास आई एंड्रायड बेस्ट हैंड हेल्ड मशीनों में सॉफ्टवेयर ऐसा है कि मोहर्रिरों को इनके पासवर्ड मिलते। इसके माध्यम से इन्हें खोलते ही होम स्क्रीन पर न्यू ट्रांजेक्शन पर जाकर प्रॉपर्टी आइडी डालने पर उससे संबंधित तमाम प्रकार की जानकारी सामने आ जाती। इससे ये पता चलता कि कितनी राशि जमा करना है। इसमें मोबाइल नंबर, इ-मेल, आधार नंबर डालने का विकल्प मिलता। मोहर्रिर अपने क्षेत्र में टैक्स वसूली के लिए इन मशीनों को साथ ले जाते। कार्ड, यूपीआइ, कैश व चेक से भुगतान के विकल्प मिलते। इनमें से कोई एक चुनते ही कंफर्म का मैसेज आता। जो भुगतान किया गया है, उसकी डिटेल्स से संबंधित एसएमएस रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आता व उसका इ-मेल भी संबंधित के पास पहुंचता। जिसमें उपभोक्ता भुगतान की रसीद भी देख सकते।
– अधिकृत होने पर ही लेंगे मशीनें
एंड्रायड बेस्ड हैंड हेल्ड मशीनें अब उसी बैंक से लेंगे, जो नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग से अधिकृत होगा। कुछ मशीनें मेरे पास रखी हुईं हैं, जो यूएडीडी के सॉफ्टवेयर से जुड़ी हुई नहीं है। उसके पहले की जानकारी मुझे नहीं है।
दिनेश मिश्रा, उपायुक्त, ननि
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