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एक था चिखल्दा – अब बचे सिर्फ श्वान और बिल्लियां

locationखंडवाPublished: Sep 20, 2019 11:28:43 am

Submitted by:

deepak deewan

अब बचे सिर्फ श्वान और बिल्लियां

Badwani Historical Place News - Chikhalda Village

Badwani Historical Place News – Chikhalda Village

खंडवा
सरदार सरोवर बांध में बड़वानी के कई गांव डूब चुके हैं। ऐसा ही एक गांव चिखल्दा भी है। बड़वानी जिले की सीमा पर नर्मदा पार धार जिले में बसा चिखल्दा का अस्तित्व अब खत्म हो गया है। यहां सिर्फ पानी में डूबे घरों की छतें ही नजर आ रही हैं। गांव में चारों ओर पानी ही पानी नजर आ रहा है।
यह गांव सामान्य गांव नहीं था। इस गांव का प्रागेतिहासिक महत्व रहा है। पुरातत्व शास्त्रों के शोध के अनुसार एशिया का पहला किसान ग्राम चिखल्दा में ही पैदा हुआ था। चिखल्दा से दो किमी दूरी पर पुरातत्व विभाग को हजारों साल पुराने मिट्टी के बर्तन, सामान भी मिले थे। मोहनजोदाड़ो, हड़प्पा सभ्यता के आसपास ही नर्मदा घाटी की सभ्यता भी पनपी थी। इसके कई सबूत भी पुरातत्व विभाग को चिखल्दा में मिले थे।

2011 की जनगणना के अनुसार यहां 3500 की आबादी थी, जो वर्तमान में करीब 5 हजार हो चुकी थी। यहां करीब 750 मकान थे, एनवीडीए के सर्वे में भी यहां 708 मकान बताए गए है। यहां की आबादी में 50 प्रतिशत हिंदू और 50 प्रतिशत मुस्लिम होने के बाद भी एक शांतिप्रिय गांव रहा है। चिखल्दा में 36 धार्मिक स्थल बसे थे। इसमें 10वीं, 12वीं सदी के मंदिर नीलकंठेश्वर, नरसिंह श्री राम आदि के। मस्जिद, पीर दरगाह जमात खाना भी एक जैन मंदिर रहा।
अब यहां सिर्फ पानी में डूबे हुए घरों की छतों पर श्वान और बिल्लियां नजर आ रही है। नर्मदा पार धार जिले में बसा चिखल्दा का अस्तित्व अब खत्म हो गया है। यहां सिर्फ पानी में डूबे घरों की छतें ही नजर आ रही हैं। गांव में चारों ओर पानी ही पानी नजर आ रहा है।
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