एक अरब का कारोबार प्रभावित जिले में सभी 24 बैंकों की 113 शाखाएं है। इन शाखाओं में करीब 2.5 लाख खाताधारक हैं, जो औसतन एक दिन में करीब 100 करोड़ का लेन-देन करते हैं। लेकिन हड़ताल के चलते सभी शाखाओं में ताले लटके रहे। इससे ये लेन-देन पूरा ठप रहा। लेनदेन न होने से बाजार काफी हद तक प्रभावित हुआ। हालांकि अगले दिन बैंक अपना लेन-देन का हिसाब जरूर पूरा कर लेगी , लेकिन किसान ओर आवश्यकता वाले लोगों को परेशानियों को सामना करना पड़ा, कई लोगों को पैसे मांग कर काम चलाने पड़े।
निजीकरण और टैक्स का कर रहे विरोध अध्यक्ष विनय नेगी और सचिव प्रमोद चतुर्वेदी ने बताया कि हमारी मांगें जनहित के लिए हैं। इसके लिए कई बार केन्द्र सरकार को हम लोगों ने आगाह किया है, लेकिन कोई विचार न होने के चलते आन्दोलन किया जा रहा है। कहा कि इस आन्दोलन में एसबीआई के अलावा सभी राष्ट्रीयकृत बैंक शामिल हैं। कहा कि सरकार ने बड़े उद्योगपतियों के कर्ज को माफ करने की तैयारी कर रही है, जो बहुत ही चिता की बात है, जनता के पैसे को ये उद्योगपति उड़ा रहे हैं। साथ ही नोटबंदी के बाद सरकार ने सभी खाताधारकों पर ट्रांजेक्शन से लेकर हर तरह का शुल्क लगा दिया। संतोष शर्मा ने कहा कि यूनियन के अह्वान पर यह आन्दोलन किया गया है। जिसमें सभी बैंको के कमचारी उपस्थित रहे।
ये थीं इनकी प्रमुख मांगे बैंकों का निजीकरण न किया जाए
श्रम संघ कानून में संशोधन किया जाए बड़े उद्योगपतियों का कर्ज माफ करने की बजाय वसूला जाए
वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए
श्रम संघ कानून में संशोधन किया जाए बड़े उद्योगपतियों का कर्ज माफ करने की बजाय वसूला जाए
वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए
बैंकों में लागू बोर्ड ब्यूरो समाप्त किया जाए
अधिकारियों कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरा जाए खाताधारकों पर लगाए गए तमाम शुल्क को बंद किया जाए
अधिकारियों कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरा जाए खाताधारकों पर लगाए गए तमाम शुल्क को बंद किया जाए