अपना सुख नहीं दूसरों को सुखी रखने की इच्छा को लीला कहते हैं
खंडवाPublished: Oct 31, 2018 02:00:36 am
भगवान कृष्ण की लीलाओं पर भाव विभोर हुए श्रद्धालु
खंडवा. जंगलों की वादी व आदिवासियों का ठिकाना खालवा का गुलाईमाल कृष्णभक्ति से सराबोर है। नृत्य नाटिकाएं भी आदिवासियों का मन मोह रही है। गुलाईमाल में भागवत कथा के पांचवे दिन कृष्णप्रिया दीदी ने श्रीकृष्ण के बाल्यकाल के वृतांत को शब्दों व नाटिकाओं में चित्रित किया।
कृष्णप्रिया दीदी ने कहा कि कन्हैया जैसी लीला मनुष्य क्या कोई अन्य देव नहीं कर सकता। लीला और क्रिया में अंतर होता है, भगवान ने लीला की है। जैसे जिसको कर्तव्य का अभिमान तथा सुखी रहने की इच्छा हो तो वह क्रिया कहलाती है। जिसको न तो कर्तव्य का अभिमान है और न ही सुखी रहने की इच्छा हो बल्कि दूसरों को सुखी रखने की इच्छा को लीला कहते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने यही लीला की जिससे सभी गोकुलवासी सुखी थे। उन्होंने कहा कि माखन चोरी का रहस्य मन की चोरी से है। कन्हैया ने अपने भक्तों के मन की चोरी की है। इस प्रकार उन्होंने तमाम बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए बैठे श्रोताओं को वात्सल्य प्रेम में सराबोर कर दिया।
उन्होंने कहा कि कृष्ण की नगरी द्वारका वास्तव में थी। सात साल की उम्र में कृष्ण ने 30 किलोमीटर लंबे गोर्वधन पर्वत को उठा लिया। इस माधुर्य लीला के समय ग्वालों ने लकड़ी लगा कर इस कार्य में अपना सहयोग दिया। हर अच्छे काम में परमात्मा इसी तरह का भक्त को श्रेय देना चाहता है। वे माखन चोरी करते थे किन्तु वास्तव में वे मन चोरी करने से लीलाधर कहलायए। पूतना वध की कथा सुनाते हुए कृष्णप्रिया महाराज ने कहा कि पूतना अज्ञान का नाम है। जब मन कृष्ण की ओर लग जाता है तो इस अज्ञान का नाश हो जाता हैं। मयूर नृत्य का दर्शन यह है कि मयूर मनमोहक होने के साथ कृष्ण को अतिप्रिय है।
वे वृंदावन में इसीलिए अधिक मात्रा में होते हैं। ब्रज की लठ्ठमार होली वास्तव में प्रेम का आंतरिक सौंन्दर्य है और फूलों की होली प्रेम की सुगन्ध है इस सुबास को प्रतीक रूप में प्रस्तुत करते हुए मन की सुन्दरता को आत्मा की सुन्दरता तक ले जाना है जिससे वह परमात्मा के अंश का दर्शन कर सके। कथा प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि इस आयोजन में श्रद्धालुओं की भीड़ रोजाना कृष्णप्रिया महाराज को सुनने के लिए उमड़ रही है। पांचवे दिन मयूर बने श्रीकृष्ण व गोपियों के नृत्य ने तो देखने वालों को आनंदित कर दिया। बरसाने की होली के साथ ल_मार होली, फूलों की होली ने समां बांध दिया।