कलशयात्रा में झूमते हुए निकले श्रद्धालुपहले दिन दिन सुनाया कथा का महत्म, बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुअमलपुरा. सिर पर कलश शिरोधर्य किए बालिकाएं, बैंड बाजों की धुन पर बजते भजनों पर थिरकते श्रद्धालुओं को देखकर ग्रामीण भी भक्तिभाव से झूम उठे।
अमलपुरा. सिर पर कलश शिरोधर्य किए बालिकाएं, बैंड बाजों की धुन पर बजते भजनों पर थिरकते श्रद्धालुओं को देखकर ग्रामीण भी भक्तिभाव से झूम उठे। ये नजारा था बुधवार को ग्राम अमलपुरा में श्रीमद भागवत कथा के शुभारंभ का। भागवत कथा के वाचन से पूर्व ग्राम में कलश यात्रा निकाली गई। सुबह 7 बजे से कलश यात्रा हनुमान मंदिर, श्रीराम मंदिर,श्री राधाकृष्ण मंदिर होते हुए कथा स्थल पहुंची। कलश यात्रा में भागवत ग्रंथ लिए यजमान और बग्घी पर सवार कथा वाचक पं. कमलकिशोर नागर चल रहे थे।श्री ब्रह्मïगीर महाराज भागवत समिति के
ये नजारा था बुधवार को ग्राम अमलपुरा में श्रीमद भागवत कथा के शुभारंभ का। भागवत कथा के वाचन से पूर्व ग्राम में कलश यात्रा निकाली गई। सुबह 7 बजे से कलश यात्रा हनुमान मंदिर, श्रीराम मंदिर,श्री राधाकृष्ण मंदिर होते हुए कथा स्थल पहुंची। कलश यात्रा में भागवत ग्रंथ लिए यजमान और बग्घी पर सवार कथा वाचक पं. कमलकिशोर नागर चल रहे थे।
श्री ब्रह्मïगीर महाराज भागवत समिति के तत्वावधान में अमलपुरा में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा का समापन 26 नवंबर को पूर्णाहुति के साथ होगा। बुधवार को कथा के पूर्व निकाली गई कलश यात्रा में ग्रामीण अंचल सहित शहर से भी सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए। कथा के प्रथम दिन पं. कमलकिशोर नागर ने व्यासपीठ से श्रद्धालुओं को कथा श्रवण कराते हुए कहा कि भगवान की भक्ति के बिना मुक्ति नहीं मिलेगी और मुक्ति माधव से मिलाती है, इसलिए भगवान की भक्ति जरुरी है। उन्होंने कथा में धुंधुकारी और गो-कर्ण की कथा सुनाई। कथा के पहले दिन ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचे और कथा का रस पान किया। अमलपुरा में कथा का श्रवण करते श्रद्धालु।