scriptगहरी नींद में सोया था परिवार और भरभरा कर गिर पड़ी दीवार, भाई-बहन की दर्दनाक मौत | Brother and sister died due to falling wall | Patrika News

गहरी नींद में सोया था परिवार और भरभरा कर गिर पड़ी दीवार, भाई-बहन की दर्दनाक मौत

locationखंडवाPublished: Jan 23, 2021 09:16:51 pm

ग्राम नांदियाखेड़ा की घटना, नौ वर्षीय बालिका हुई घायल, घटना के समय में सो रहा था परिवार, मृतका दो दिन पहले ही ससुराल से मायके आई थी, किल्लौद पुलिस मामले की जांच में जुटी

Brother and sister died due to falling wall

Brother and sister died due to falling wall

खंडवा. ग्राम नांदियाखेड़ा में शनिवार सुबह कच्चे मकान की दीवार ढहने से भाई और गर्भवती बहन की मौत हो गई। घटना उस समय हुई जब परिवार घर में सोया था। घटनाक्रम की खबर लगते ही ग्राम में मातम छा गया। सूचना पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। जानकारी के अनुसार किल्लौद विकासखंड के ग्राम नांदियाखेड़ा में सुबह करीब 7 बजे हसीब खान का परिवार सो रहा था। तभी अचानक मकान की दीवार गिर गई। घटना में दीवार के मलबे में दबने से गर्भवती गुलफ्सा बी (22) और आशिक (15) निवासी नादियाखेड़ा की मौत हो गई। वहीं मलबे की चपेट में आने से नौ वर्षीय बालिका घायल हुई है। घटनाक्रम की खबर मिलते ही मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हुई। ग्रामीणों ने बचाओ कार्य कर मलबे में दबे आशिक और गुलफ्सा को बाहर निकाला। दोनों को किल्लौद स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। जहां डॉ धर्मेंद्र शर्मा ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इधर, घटना की सूचना पर एसडीओपी हरसूद रवीन्द्र वास्कले, किल्लौद थाना प्रभारी अंजली जाट टीम के मौके पर पहुंचे और घटनाक्रम की जानकारी ली। नायब तहसीलदार सहदेव मौर्य व पटवारी ने घटना का पंचनामा बनाया।
दो दिन पहले आई थी मायके, चार माह का था गर्भ
घटना में मृत गुलफ्सा बी दो पहले ही ससुराल हरदा से मायके आई थी। उसे चार माह का गर्भ था। लेकिन इसी बीच दीवार गिरने से उसकी मौत हो गई। परिचितों ने बताया कि हसीब खान के दो बेटे और तीन बेटियां थी। इसमें एक 1 बेटा और बेटी की दुर्घटना में मौत हो गई। मृतका गुलफ्सा बड़ी बेटी थी।
पीएम के लिए छह घंटे करना पड़ा इंतजार
घटनाक्रम के बाद पुलिस ने शवों का पंचनामा बनाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। सुबह करीब 8 बजे अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए शव पहुंचे। लेकिन महिला चिकित्सक नहीं होने से पीएम नहीं हो सका। इस दौरान परिवार को पीएम के लिए करीब 6 घंटे इंतजार करना पड़ा। दोपहर करीब 2 बजे महिला चिकित्सक छनेरा से अस्पताल पहुंची। इसके बाद मृतका का पीएम हो सका। इधर, डॉक्टर की मानें तो मृतका गर्भवती नहीं थी।
आवास हुआ स्वीकृत, मगर निर्माण नहीं कराया
घटनाक्रम सामने आते ही ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत के खिलाफ आक्रोश जताया। ग्रामीणों ने सरपंच और सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पीडि़त हसीब खान को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत हुआ था। आवास के लिए वह सरपंच व सचिव के चक्कर लगाता था। लेकिन उसे आवास नहीं दिया गया। आवास देने के बदले दस हजार रुपए मांगे जा रहे थे। हसीब की माली हालत ठीक नहीं होने के कारण वह कच्चे जर्जर मकान में रह रहा था। यदि उसे आवास मिल जाता तो शायद इस घटना का सामना परिवार को नहीं करना पड़ता।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो