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विधानसभा में आया जवाब, इंदौर-इच्छापुर हाइवे फोरलेन का प्रस्ताव नहीं

locationखंडवाPublished: Mar 07, 2018 10:53:00 pm

बड़ी खबर…विधानसभा में गूंजे जिले के मुद्दे, मंत्रियों के लिखित जवाब से बड़े खुलासे हुए।

indore icchapur highway

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खंडवा. शहर और जिले से जुड़े दो बड़े मुद्दों की गूंज बुधवार को विधानसभा में सुनाई दी। दोनों ही प्रश्न खंडवा विधायक देवेंद्र वर्मा ने पूछे। दोनों ही प्रश्न तारांकित थे। पटल पर रखे जाने थे लेकिन नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में परिवर्तित हो गए।
मंत्रियों के लिखित जवाब आए तो बड़े खुलासे हुए। सबसे बड़ी बात तो ये है कि जिस इंदौर-इच्छापुर हाइवे के नेशनल हाइवे में शामिलकर फोरलेन व सिक्सलेन होने के ख्वाब बुने जा रहे हैं, उसके प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजने संबंधी प्रश्न को सिरे से नकार दिया गया है। विधानसभा में गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया। ये तो माना कि तीन साल में 463 लोगों की मौत हुई है लेकिन ‘किलर हाइवे नाम कतिपय समाचार पत्रों ने दिया है। पीडीएस खाद्यान्न हेराफेरी से जुड़े प्रश्न पर खाद्य मंत्री ओम प्रकाश धुर्वे का जवाब में सामने आया कि चार साल में दो केस आए हैं। इनमें कोई अधिकारी दोषी नहीं पाया गया है।
दो मुद्दों पर सवाल और विस में मंत्रियों के जवाब…
1. पीडीएस खाद्यान्न की हेराफेरी
विभाग: खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण
प्रश्नकर्ता: देवेंद्र वर्मा, उत्तरदाता: खाद्य मंत्री ओम प्रकाश धुर्वे
? क्या खाद्य मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि वर्ष 2013-14 से आज तक खंडवा जिले में उचित मूल्य दुकानों के खाद्यान्न का अवैध परिवहन व बिक्री के कितने प्रकरण बनाए गए?
– जी हां। वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक खंडवा जिले में उचित मूल्य दुकानों के खाद्यान्न का अवैध परिवहन व बिक्री के 2 प्रकरण प्रकाश में आए हैं, जिनमें जब्त खाद्यान्न व दोषियों की जानकारी परिशिष्ट में दे रहे हैं।
? पीडीएस की खाद्यान्न सामग्री के ऐसे मामलों में किन-किन अधिकारियों की जिम्?मेदारी तय कर विभागीय दंडात्मक कार्रवाई की गई। यदि हां तो उन अधिकारियों के नाम व पदनाम की जानकारी दें। यदि नहीं तो क्यों?
– पीडीएस के खाद्यान्न सामग्री के इन मामलों में कोई अधिकारी दोषी नहीं पाया गया है इस कारण प्रश्?नांश के शेष भाग की जानकारी निरंक है।
? क्या समिति प्रबंधक/सेल्समेन से लेकर अधिकारियों की मिलीभगत होने के कारण अधिकांश मामलों में परिवहनकर्ता को दोषी मानकर ब्लैक लिस्ट की कार्रवाई की गई? यदि नहीं तो क्यों?
– पीडीएस के खाद्यान्न सामग्री के ऐसे मामलों में समिति प्रबंधक, सेल्समेन व अधिकारियों की मिली भगत होना जांच में नहीं पाया गया। जांच में परिवहनकर्ता के दोषी पाए जाने पर अभियोजन एवं ब्लैकलिस्ट की कार्रवाई की गई है।
? वर्तमान में कितने प्रकरण न्?यायालय में दर्ज हैं? पीडीएस खाद्यान्न सामग्री की चोरी रोकने के लिए खाद्य विभाग की क्?या भूमिका रही?
– 2 प्रकरण न्यायालय में दर्ज हैं। विभाग के अमले द्वारा उचित मूल्य दुकानों एवं परिवहनकर्ता की सतत् रूप से जांच की जाती है। वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक 802 जांच की गई है। अनियमितता पाए जाने संबंधी 34 प्रकरण बनाए गए हैं।
? क्या पीडीएस खाद्यान्न चोरी, अवैध परिवहन को गैर जमानती अपराध माना जाकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी?
– सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत राशन के व्यपवर्तन व अवैध परिवहन करने वाले व्यक्तियों/संस्थाओं के खिलाफ अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अंतर्गत मप्र सार्वजनिक वितरण प्रणाली आदेश 2015 में प्रावधान किए गए हैं। चोर बाजारी निवारण अधिनियम 1980 के अंतर्गत दोषियों का निरूद्ध करने का भी प्रावधान है। आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में संशोधन भारत सरकार की विषयवस्तु है।
2. इंदौर-इच्छापुर मार्ग पर व्यावसायिक वाहनों से टोल वसूली
विभाग: गृह
प्रश्नकर्ता: देवेंद्र वर्मा, उत्तरदाता: भूपेंद्र सिंह
? इंदौर-इच्छापुर राजमार्ग पर बीते तीन वर्षों में कितनी वाहन दुर्घटनाएं हुई हैं? इससे कितनी मौतें हुई? क्या समाचार पत्रों में इसे किलर हाईवे का नाम दिया जा रहा है?
– 2015, 2016 व 2017 में कुल 2209 वाहन दुर्घटनाएं हुईं। इनमें 463 व्यक्तियों की मौत हुई। कतिपय स्थानीय समाचार पत्रों में इंदौर-इच्छापुर हाईवेे पर दुर्घटना के समाचार में किलर हाईवे शब्द का प्रयोग किया गया है।
? क्या टोल प्लाजा बंद होने से आगरा-मुंबई फोरलेन मार्ग के हजारों वाहन प्रतिदिन टोल बचाने के लिए इस मार्ग से गुजर रहे हैं, जिसके कारण इस संकरे राज्?यमार्ग पर यातायात का दबाव अत्?यधिक बढ़ जाने से ये दुर्घटनाएं हो रही हंै एवं प्रतिदिन घाट सेक्शन बड़वाह, सनावद व मोरटक्का में जाम की स्थिति निर्मित हो रही है?
– टोल बचाने के लिए हजारों वाहन इस मार्ग से गुजरते हैं, इसका कोई आंकलन पुलिस विभाग द्वारा नहीं किया गया है। मप्र रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कार्पोरेशन द्वारा भी कोई आंकलन नहीं किया गया है। दुर्घटनाओं का मुख्य कारण वाहन चालकों द्वारा तेज गति व लापरवाही पूर्वक वाहन चलाना पाया गया है। त्योहारों पर यातायात बहुत अधिक होने पर ट्रैफिक जाम की स्थिति निर्मित होने पर पुलिस व्यवस्था लगाई जाती है।
? क्या सरकार इस मार्ग पर व्यावसायिक वाहनों (यात्री परिवहन को छोड़कर) से टोल टैक्स वसूलना आरंभ करेगी ताकि इस मार्ग पर यातायात का अवांछित दबाव कम हो सके तथा दुर्घटनाओं में कमी हो।
– मप्र रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार, वर्तमान में इस प्रकार की कोई योजना नहीं है।
? टोल बूथ नहीं लगाने की दशा में क्या लोक निर्माण विभाग इस मार्ग को अपने अधीन लेकर विभागीय स्तर से कर्मचारी तैनात करने एवं इससे होने वाली आय से इस मार्ग का संधारण करेगा?
– मप्र रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं।
? क्या इस मार्ग को फोरलेन किए जाने का प्रस्ताव केंद्र शासन को भेजा गया है? यदि हां तो प्रदेश सरकार द्वारा इसे पूर्ण कराने के क्या प्रयास किए हैं? क्या इस वर्ष इसका कार्य आरंभ हो पाएगा?
– मप्र रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
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