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पत्नी को मिली इस अधिकारी के कर्मों की सजा

locationखंडवाPublished: Sep 19, 2019 12:28:10 pm

Submitted by:

deepak deewan

पत्नी को चार साल की सजा

burhanpur officer curruption case news

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बुरहानपुर. अठारह साल की नौकरी में भ्रष्टाचार कर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में न्यायालय ने पूर्व सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी और उनकी पत्नी को 4 साल के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 5-5 लाख रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया। फैसला बुधवार को प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार गुप्ता ने सुनाया।
जिला अभियोजन अधिकारी कैलाशनाथ गौतम ने बताया कि आरोपी राघवेंद्र उर्धिया एवं उसकी पत्नी सत्यमती उर्धिया को अलग-अलग धाराओं में चार-चार वर्ष कारावास एवं 5-5 लाख रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया।
इस मामले की शिकायत सुनील मोर्य निवासी छनेरा डोंगरगांव ने आर्थिक अपराध ब्यूरो भोपाल में की थी। जांच में पाया कि राघवेंद्र उर्धिया सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी शेखपुरा बुरहानपुर ने भ्रष्टाचार कर जो राशि संग्रहित की उससे पत्नी के नाम जमीन क्रय करने, पत्नी के नाम पर बैंक में रुपए जमा करने, कार क्रय करने में और बच्चों कि शिक्षा पर भ्रष्टाचार से कमाए गए लाखों रुपए खर्च किए गए।
यह मिला जांच में
दस्तावेजों के आधार पर पाया कि राघवेंद्र उर्धिया ने पत्नी सत्यवती उर्धिया के नाम बैंक ऑफ इंडिया शाखा बोरगांव बुजुर्ग में बचत खाता क्र. 951110100005852 खोला गया उक्त बचत खाते में नवंबर 2008 से फरवरी 2012 तक अवधि में 10,21,620 नगद जमा किए। 23 अक्टूबर 2007 को पुरानी कार खरीदी। इसकी अनुमति विभाग से नहीं ली। बगैर सूचना वाहन क्रय किया गया। 21 मार्च 2007 को ग्राम छनेरा के धनिया पिता कालू की कृषि भूमि 30 हजार रुपए पांच वर्ष के लिए गिरवी रखी थी। शासकीय सेवा में रहते हुए उक्त कृषि भूमि का अनुबंध किया गया। राघवेंद्र उर्धिया की नियुक्ति 5 अप्रैल 1994 से 1 मार्च 12 तक पद स्थापना रही। इस अवधि में सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी के पद पर पशु चिकित्सा सेवाएं, जिला खंडवा, शाजापुर एवं बुरहानपुर कार्यालय में रही। उक्त अवधि के वेतन एवं भत्तों की जानकारी प्राप्त की गई। अनावेदक राघवेंद्र उर्धिया की सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी के पद पर पदस्थापना के दौरान वेतन से प्राप्त आय 18,17,073 रुपए होना पाया। राघवेंद्र की संपत्ति की जांच के दौरान वैध स्रोतों से प्राप्त आय 12, 65, 235 रुपए होना पाई। गणना बाद चल अचल संपत्ति 21,23,633 रुपए मिली। इस तरह आरोपी राघवेंद्र की 8,58,398 रुपए आय से अधिक संपत्ति होना पाई। जांच विवेचना से आरोपी राघवेंद्र उर्धिया द्वारा शासकीय कर्तव्यों के दौरान पद पर रहते हुए वैध स्रोत से आय की तुलना में अवैध साधनों से अर्जित आय 45 प्रतिशत अधिक अर्जित करना पाया। पत्नी के नाम पर भी संपत्ति होने पर उसे भी आरोपी बनाया गया।

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