महिला घर पहुंची 6 किग्रा निकला वजन
महिला घर छनेरा आई तब बच्चे की उम्र 10 माह हो गई थी। घर लौटने पर आशा कार्यकर्ता मंजू सगोरे परिवार से मिली। बच्चे का वजन कराया तो 6 किग्रा. निकला। कुपोषित के कारण वह बीमार था। दोनों को बुखार होने पर आशा ने मां को पेरासिटामोल गोली व बच्चे को सिरप दी। दो बार समझाने के बाद भी इलाज को तैयार नहीं हुए। आशा और सहयोगी पूनम, सुमित के घर गए। काफी समझाइस के बाद भी परिवार के लोग आनाकानी कर रहे थे। आशा के प्रयास के बाद इलाज को राजी हो गए।
महिला घर छनेरा आई तब बच्चे की उम्र 10 माह हो गई थी। घर लौटने पर आशा कार्यकर्ता मंजू सगोरे परिवार से मिली। बच्चे का वजन कराया तो 6 किग्रा. निकला। कुपोषित के कारण वह बीमार था। दोनों को बुखार होने पर आशा ने मां को पेरासिटामोल गोली व बच्चे को सिरप दी। दो बार समझाने के बाद भी इलाज को तैयार नहीं हुए। आशा और सहयोगी पूनम, सुमित के घर गए। काफी समझाइस के बाद भी परिवार के लोग आनाकानी कर रहे थे। आशा के प्रयास के बाद इलाज को राजी हो गए।
108 के सहायोग से ले गई अस्पताल
आशा 108 के सहायोग से बच्चे को खंडवा अस्पताल लेकर पहुंची। अस्पताल का स्टाप नाराज हो गया। आशा ने बताया कि 4 दिन पहले ही बच्चे से मिली है। परिवार पलायन में था यह सब बता रही थी तभी स्टॉफ ने बच्चे को जिला अस्पताल में भर्ती किया।
आशा 108 के सहायोग से बच्चे को खंडवा अस्पताल लेकर पहुंची। अस्पताल का स्टाप नाराज हो गया। आशा ने बताया कि 4 दिन पहले ही बच्चे से मिली है। परिवार पलायन में था यह सब बता रही थी तभी स्टॉफ ने बच्चे को जिला अस्पताल में भर्ती किया।
2 बाटल खून चढ़ाया
पहले ही दिन बच्चे को 2 बाटल खून चढ़ाया गया। साथ ही बच्चे की मां का भी उपचार प्रारंभ किया गया। सुमित को एक सप्ताह अस्पताल में भर्ती रखकर इलाज दिया गया। स्वास्थ्य सुधार होने के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। आशा ने बच्चे और उसकी मां को खंडवा एनआरसी भर्ती कराया। आशा ने शिशु व मां की देखरेख स्वयं जिम्मेदारी ली। इस दौरान आशा शिशु के माता-पिता को हौंसला देती रही। 14 दिन बाद एनआरसी से छुट्टी कर दी गई।
पहले ही दिन बच्चे को 2 बाटल खून चढ़ाया गया। साथ ही बच्चे की मां का भी उपचार प्रारंभ किया गया। सुमित को एक सप्ताह अस्पताल में भर्ती रखकर इलाज दिया गया। स्वास्थ्य सुधार होने के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। आशा ने बच्चे और उसकी मां को खंडवा एनआरसी भर्ती कराया। आशा ने शिशु व मां की देखरेख स्वयं जिम्मेदारी ली। इस दौरान आशा शिशु के माता-पिता को हौंसला देती रही। 14 दिन बाद एनआरसी से छुट्टी कर दी गई।
आशा ने दी ये दवाएं
आशा ने बच्चे के घर आने के बाद भी सेवा फॉलोअप जारी रखा। बच्चे को आयरन सिरप, विटामिन ‘ए’ अनुपूरक, पोषक आहार, टीकाकरण कराया। माता को भी आयरन, कैल्शियम गोलियां तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से पोषण आहार दिलाती रही।
आशा ने बच्चे के घर आने के बाद भी सेवा फॉलोअप जारी रखा। बच्चे को आयरन सिरप, विटामिन ‘ए’ अनुपूरक, पोषक आहार, टीकाकरण कराया। माता को भी आयरन, कैल्शियम गोलियां तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से पोषण आहार दिलाती रही।