गली मोहल्लों में बिक रही दुकान से सस्ती शराब
खंडवाPublished: Oct 27, 2022 12:40:56 pm
आबकारी विभाग की खुली छूट, ठेकेदार कर रहे मनानी, कारोबार बढ़ाने बनाए एजेंट, पुलिस भी काट रही चांदी


Cheap liquor from the shop being sold in the street
खंडवा. शराब का अवैध कारोबार आबकारी और पुलिस दोनों के लिए मानो फायदे का सौदा बन गया है। शराब दुकान के ठेकेदारों को दी गई छूट का नतीजा है कि गली मोहल्लों में शराब बिक रही है और गौर करने वाली बात तो यह है कि दुकान से सस्ती शराब गलियों के एजेंट बेच रहे हैं। कुछ दिनों पहले जब मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस ने मादक पदार्थों के अवैध कारोबार की तरफ हाथ बढ़ाया तो अवैध कारोबार की परखतें उधड़ने लगी थीं। दो दिन में आधा सैकड़ा प्रकरण बना लिए गए। कहने को पुलिस और आबकारी विभाग के अफसर शराब के अवैध कारोबार पर नकेल कसने के लिए हर रोज सक्रिय रहते हैं, बावजूद इसके उतनी ही रफ्तार से अवैध धंधा चल रहा है।
दुकानों से ज्यादा फैले एजेंट
खंडवा जिले में शराब की 74 दुकानें हैं। इससे कहीं ज्यादा संख्या उन लोगों की है जो शराब ठेकेदारों के संरक्षण में गली मोहल्लों में शराब बेच रहे हैं। यही एजेंट घर पहुंच सेवा भी देते हैं। दुकान से सस्ती शराब इनके पास मिल जाती है। चर्चा है कि ठेकेदारों ने ही शराब की बिक्री बढ़ाने के लिए ऐसे एजेंट पाल रखे हैं।
कोरम पूरा करते हैं विभाग
पुलिस और आबकारी विभाग कोरम पूरा करने के लिए दिखावे की कार्रवाई कर रहे हैं। उन्हीं एजेंअ को पकड़ कर कार्रवाई की जाती है जिनकी ओर ठेकेदार इशारा कर देते हैं। फिर वही ठेकेदार इन एजेंट को छुड़ाने की व्यवस्था भी करते हैं। पहले से तय होता है कि किस एजेंट से कितनी शराब की जब्ती दिखाना है। अवैध कारोेबार करने वाला एजेंट या ढाबा संचालक विभाग की बात नहीं सुनता उस पर कार्रवाई का स्तर अलग होता है।
आखिर कहां से आती है शराब?
हर रोज जब्त होने वाली शराब कहां से आ रही है, इसका खुलासा आबकारी और पुलिस कभी नहीं करती। आबकारी विभाग के अफसर भी इस बात पर चुप्पी साध लेते हैं। शराब विभाग और माफिया के इस गठजोड़ से शराब और अन्य मादक पदार्थों का अवैध कारोबार इस जिले में फल फूल रहा है। जब भी उच्च स्तर से सख्ती होती है तो दोनों विभागों को पहले से पता होता है कि कहां जाने से उनकी कार्रवाई के आंकड़े बढ़ जाएंगे। ऐसे में चिन्हित स्थानों पर दिखावे की दबिश दी जाती है।
पुराना कर्मचारी करता है लाइजनिंग
शहर में चर्चा है कि शराब दुकान में काम करने वाला एक पुराना कर्मचारी इन दिनों लाइजनिंग का काम कर रहा है। शराब के अवैध कारोबार पर उसकी खासी कसावट है। उससे संपर्क में रहने वाले लोगों को दुकान के सामने ही आधे दाम पर शराब उपलब्ध करा दी जाती है। जबकि दुकान से लेने पर पूरा पैसा ग्राहक को देना पड़ता है। इसी कर्मचारी ने आबकारी विभाग में एजेंटों के लिए सेटिंग बनाई है।