खंडवा

सीएए और एनआरसी को लेकर निकलने वाले जुलूस को लेकर अब ये बड़ा निर्णय आया सामने

नागरिकता संशोधन कानून और संभावित एनआरसी के विरोध में निकलने वाले जुलूस से पहले साढ़े चार घंटे तक हुआ मंथन।

खंडवाDec 18, 2019 / 09:25 pm

अमित जायसवाल

Citizenship Amendment Act Protest Khandwa Madhya pradesh Latest News

खंडवा. नागरिकता संशोधन कानून और संभावित एनआरसी के विरोध में 19 दिसंबर को खंडवा में निकलने वाली संविधान बचाओ रैली को लेकर बड़ा निर्णय आया है। कंट्रोल रूम में बुधवार शाम से साढ़े चार घंटे तक चले मंथन के बाद जनसंपर्क विभाग से मैसेज जारी हुआ है। इसका मजमून ये है कि 19 दिसंबर के जुलूस के संबंध में समस्त पक्षों के साथ पुलिस कंट्रोल रूम में विस्तृत चर्चा की गई। आयोजकगण को इस संबंध में राज्यव्यापी दिशा-निर्देशों से अवगत कराया गया। इसके तहत अगले आदेश तक किसी भी जुलूस की अनुमति नहीं देने के स्पष्ट निर्देश हैं। एसडीएम खंडवा संजीव केशव पांडे ने बताया कि आयोजकों से चर्चा के बाद 19 दिसंबर को जुलूस को नहीं निकालने का निर्णय लिया गया है।
ये किया गया था ऐलान

बता दें कि एक दिन पहले ऐलान किया गया था कि नागरिकता संशोधन कानून और संभावित एनआरसी के विरोध में 19 दिसंबर को संविधान बचाओ रैली निकाली जाएगी। रैली सुबह 11 बजे शहर काजी और तमाम जिम्मेदार हजरात के नेतृत्व में इदगाह मैदान से शुरू होगी, जो बॉम्बे बाजार, रेलवे स्टेशन रोड, ब्रिज, इंदिरा चौक होते हुए स्टेशन मैदान पहुंचेगी। मैदान में कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। इस दौरान भारत की अखंडता को खंडित करने वाले इस कानून को वापस करने की मांग की जाएगी। हालांकि अब बुधवार को हुए मंथन के बाद नई स्थिति बनी है।
धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी
व्हॉट्सऐप, फेसबुक व सोशल मीडिया के अन्य साधनों से आपत्तिजनक एवं धार्मिक भावनाएं भडक़ाने वालों के विरूद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी तन्वी सुन्द्रियाल ने इस संबंध में दंड प्रक्रिया की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिए हैं। जारी आदेश के अनुसार, आपत्तिजनक संदेश या फोटो या वीडियो को फॉरवर्ड करने अथवा पोस्ट करने पर गु्रप एडमिन तथा संदेश प्रसारित करने वाले के विरूद्ध यह दंडात्मक कार्रवाई होगी। यदि कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता है तो वह भारतीय दंड संहिता की धारा-188 के अंतर्गत दंड का भागीदार होगा। जारी आदेश में उल्लेख किया गया है कि फेसबुक संचालन करने वाले नागरिक तथा व्हॉट्सऐप एडमिन अपने ग्रुप में धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाले संदेश के लिए जिम्मेदार होंगे। अत: वे स्वयं ऐसा कोई विवादस्पद संदेश न तो खुद प्रसारित करे और ना ही अपने ग्रुप के सदस्यों को ऐसा करने दें। यदि व्हॉट्सऐप ग्रुप में कोई आपत्तिजनक संदेश ग्रुप के किसी भी सदस्य द्वारा प्रसारित किया जाता है तो एडमिन की जिम्मेदारी होगी कि वह इसके संबंध में निकटतम पुलिस थाने को सूचित करे। ऐसा न करने पर ग्रुप एडमिन घटना के लिए जिम्मेदार माना जाएगा। सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे व्हॉट्सऐप अथवा फेसबुक पर किसी धर्म संप्रदाय के संबंध में आपत्तिजनक संदेश या चित्र फॉरवर्ड न करें। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
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