कलेक्टर, एसपी, एसडीएम, निगमायुक्त, जिला सांख्यिकी अधिकारी सहित अन्य कुछ अफसरों पर कांग्रेस के दबाव में काम करने के आरोप बीते कुछ महीनों में लगे। अब जबकि नई सरकार है तो प्रशासनिक सर्जरी की भी जल्द उम्मीद की जा सकती है।
ओंकारेश्वर विकास: कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने यहां के लिए डेढ़ सौ करोड़ रुपए से ज्यादा की विकास योजना तैयार की थी। अब नई सरकार इसे किस तरह आगे बढ़ाएगी, ये तस्वीर साफ नहीं है।
नर्मदा जल योजना: वाटर ट्रीटमेंट प्लांट चारखेड़ा से खंडवा तक की 50 किमी पाइपलाइन के स्थान पर 35 किमी नई पाइपलाइन के लिए 84 करोड़ रुपए की घोषणा की गई थी, इसका क्या होगा, ये भी स्पष्ट नहीं।
लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र बने दादाजी धाम को लेकर कमलनाथ सरकार विस में मप्र विनिर्दिष्ट मंदिर विधेयक-2019 लाई। महाकाल उज्जैन, खजराना गणेश इंदौर, जामसांवली छिंदवाड़ा, सलकनपुर, शारदा माता मंदिर मैहर व दादाजी धाम खंडवा को भी शामिल किया। अधिग्रहण के मुद्दे पर खूब हल्ला हुआ। अब सूत्र बताते हैं कि शिवराजसिंह के नेतृत्व में ये सरकार विनिर्दिष्ट मंदिर विधेयक को खत्म कर सकती है।