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शिवराजसिंह चौहान के फिर सीएम बनने से इन मुद्दों पर एक बार फिर होगी नजर

locationखंडवाPublished: Mar 24, 2020 02:43:32 pm

हनुवंतिया पर फिर होगी नजर, नर्मदा जल योजना पर छिड़ेगी बहस, राजनीति…- शिवराजसिंह चौहान के फिर सीएम बनने से इन मुद्दों पर एक बार फिर होगी नजर, 15 महीने मंत्री के बगैर रहने वाले जिले को मंत्रीमंडल में फिर प्रतिनिधित्व की आस

खंडवा. प्रदेश की राजनीति में भूचाल के बाद अब आखिरकार नई सरकार के मुखिया के रूप में शिवराजसिंह चौहान ने एक बार फिर कमान संभाल ली है। इसके साथ ही जिले के मुद्दों पर एक बार फिर नए सिरे से बहस छिड़ेगी। हनुवंतिया को निमाड़ का सिंगापुर बनाने के दावे हों या फिर जीते-जी नर्मदा जल योजना में मीटर नहीं लगने का भाषण हो। शिवराज सिंह के आने से कई मुद्दों पर नए सिरे से कसरत होगी।
शिवराजसिंह चौहान, चौथी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं। उनका खंडवा से बड़ा नाता रहा है। पर्यटन स्थल हनुवंतिया को तो उन्हीं की खोज कहा जाता है। इसकी ब्रांडिंग के लिए यहां उन्होंने कैबिनेट तक को उतार दिया था। लेकिन पिछली सरकार में इस पर बहुत कम ध्यान दिया गया। अब जिलेवासियों को उम्मीद है कि यहां का पर्यटन एक बार फिर हिलोरे लेकर ऊंचाइयों की तरफ जाएगा। सैलानी टापू पर नजर होगी तो वहीं अन्य टापू भी विकसित करने पर ध्यान होगा। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद जिले को मंत्री पद नहीं मिला था। 15 महीने का ये सूखा भी जल्द खत्म हो सकता है।
प्रशासनिक सर्जरी की जल्द उम्मीद
कलेक्टर, एसपी, एसडीएम, निगमायुक्त, जिला सांख्यिकी अधिकारी सहित अन्य कुछ अफसरों पर कांग्रेस के दबाव में काम करने के आरोप बीते कुछ महीनों में लगे। अब जबकि नई सरकार है तो प्रशासनिक सर्जरी की भी जल्द उम्मीद की जा सकती है।
ये मुद्दे फिर नए सिरे से आगे बढ़ेंगे
ओंकारेश्वर विकास: कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने यहां के लिए डेढ़ सौ करोड़ रुपए से ज्यादा की विकास योजना तैयार की थी। अब नई सरकार इसे किस तरह आगे बढ़ाएगी, ये तस्वीर साफ नहीं है।
नर्मदा जल योजना: वाटर ट्रीटमेंट प्लांट चारखेड़ा से खंडवा तक की 50 किमी पाइपलाइन के स्थान पर 35 किमी नई पाइपलाइन के लिए 84 करोड़ रुपए की घोषणा की गई थी, इसका क्या होगा, ये भी स्पष्ट नहीं।
खत्म हो सकता है विनिर्दिष्ट मंदिर विधेयक
लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र बने दादाजी धाम को लेकर कमलनाथ सरकार विस में मप्र विनिर्दिष्ट मंदिर विधेयक-2019 लाई। महाकाल उज्जैन, खजराना गणेश इंदौर, जामसांवली छिंदवाड़ा, सलकनपुर, शारदा माता मंदिर मैहर व दादाजी धाम खंडवा को भी शामिल किया। अधिग्रहण के मुद्दे पर खूब हल्ला हुआ। अब सूत्र बताते हैं कि शिवराजसिंह के नेतृत्व में ये सरकार विनिर्दिष्ट मंदिर विधेयक को खत्म कर सकती है।
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