नप के पास नहीं है कॉलोनियों का रिकॉर्ड
नगर परिषद पंधाना में कॉलोनियां काटने के लिए मात्र एक व्यक्ति द्वारा लाइसेंस लिया गया है अन्य किसी भी कॉलोनाइजर ने लाइसेंस नहीं लिया है। कॉलोनाइजिंग एक्ट के तहत किसी भी जमीन मालिक ने नियम का पालन नहीं किया, जबकि नगर परिषद की बिना अनुमति नगरीय क्षेत्र में कॉलोनी नहीं काटी जा सकती। नप प्रशासन के पास कॉलोनियों का रिकॉर्ड तक नहीं है। प्रशासन ने अभी तक सर्वे नहीं कराया है। अवैध कॉलोनियों के कारण नगर परिषद को संपत्ति कर के रूप में हर साल लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। खास बात यह है कि अवैध कॉलोनी काटने वालों के खिलाफ कार्रवाई न होने की वजह से नगर के कई इलाकों में अवैध रूप से प्लाटिंग की जा रही है, जिससे कृषि योग्य जमीन को भी कॉलोनी में परिवर्तित कर दिया गया है।
इन नियमों का पालन करना जरूरी
नगर में जहां भी नवीन कॉलोनियां काटी जा रही हैं, उनका सबसे पहले राजस्व विभाग में डायवर्सन होना चाहिए, लेकिन कॉलोनाइजर रजिस्ट्रेशन फीस से बचने के चक्कर में डायवर्सन नहीं कराते हैं, जिससे राजस्व की चोरी खुलेआम की जा रही है। कॉलोनी में नियमावली के अनुसार पक्की रोड, नाली, पानी की सुविधा, बिजली, खंबों पर स्ट्रीट लाइट, पार्क आदि की सुविधाएं होनी चाहिए। मगर कॉलोनाइजर खेतों में कच्ची रोड डालकर प्लाट काट देते हैं। बयनामा के दौरान भी उपपंजीयक ऑफिस में यह लिखा जाता है कि जांच उपरांत जमीन बंधक नहीं पाई गई है। पर सर्विस प्रोवाइडर और रजिस्ट्रार इस पर कतई ध्यान नहीं देते हैं।
नपं के बोर्ड से छेडख़ानी
पंधाना नगर के वार्ड क्रमांक 15 कुडिय़ा रोड स्थित नगर परिषद द्वारा अवैध कॉलोनी पर एक बोर्ड लगा रखा है, जिस पर नगर परिषद द्वारा लिखा गया यह कॉलोनी अवैध है को छेडख़ानी कर यह कालोनी वैध है कर दिया गया है। इस ओर भी परिषद अधिकारियों का ध्यान नहीं है।
जांच के बाद दोषियों पर करेंगे कार्रवाई
नगर में काटी जा रही नवीन कॉलोनियों की जांच की जाएगी। जिन कॉलोनाइजरों के पास लाइसेंस या डायवर्सन नहीं कराया है, उन्हे नोटिस दिया जाएगा और उनके खिलाफ जांच उपरांत कार्रवाई करेंगे।
-ममता खेड़े, एसडीएम