पचास फीसदी गेहूं तब से पोर्ट पर रखा हुआ है
जिले के ट्रेडर्स से निर्यातको को 8 लाख क्विंटल से अधिक गेहूं बेचा है। मंडी की देखरेख में पोर्ट पर गेहूं की रैक भेजी गई। पखवाड़ेभर पहले केन्द्र सरकार ने गेहूं निर्यात पर रोक लगा दी। जिससे जिले के व्यापारी की ओर से पोर्ट पर भेजी गई रैक का पचास फीसदी गेहूं तब से पोर्ट पर रखा हुआ है। जिसमें खंडवा समेत मूंदी, पंधाना, खिरकिया, भीकनगांव आदि जगहों के व्यापारी ने मिलकर रैक भेजी है। प्रत्येक रैक में औसत 15-20 व्यापारियों का गेहूं एक साथ रैक में भेजा जाता था। कई व्यापारियों ने बताया कि जिले में कई बड़े निर्यतको को व्यापारियों ने गेहूं का सौदा किया है। निर्यात की स्थित साफ नहीं होने से सौदा रद्द कर दिया गया है।
खंडवा मंडी में सबसे अधिक गेहूं की आवक
किसानों ने मंडियों में व्यापारियों को लगभग बीस लाख क्विंटल गेहूं बेचा है। जिसमें सबसे ज्यादा खंडवा कृषि उपज मंडी में 11 लाख क्विंटल से अधिक गेहूं की आवक रही। हरसूद मंडी में चार लाख अस्सी हजार क्विंटल आवक रही। इसके अलावा यहां पर समर्थन मूल्य पर दो हजार क्विंटल तौल हुई है। इसी तरह पंधाना में दो लाख बीस हजार क्विंटल की आवक रही। यहां पर समर्थन मूल्य पर मात्र 261 क्विंल तौ हुई है।
व्यापारियों के स्टाक मिलान में छूट रहा पसीना
निर्यात प्रभावित होने के बाद कारोबारियों के स्टाक का मिलान करने मंडी अधिकारियों का पसीना छूट रहा है। गेहूं समेत चना, सोयाबीन, मूंग, तुअर आदि अनाज खरीदने वाले टेडर्स का हिसाब अभी तक क्लीयर नहीं हो सका है। अधिकारियों का दावा है कि व्यापारियों की ओर से की जा रही अनाज की खरीदी का हिसाब ऑनलाइन सचिव के लॉगिन पर दिखता है। इसके बाद भी मंडी के बाहर स्टाक में रखे व्यापारियों के अनाज का हिसाब मंडी अधिकारी नहीं ले पा रहे हैं।
गेहूं के भाव पखवाड़ेभर के भीतर 539 रुपए का अंतर
कृषि उपज मंडी में गेहूं की आवक कम होने के बाद भी पखवाड़ेभर के भीतर लगभग 300 रुपए क्विंटल भाव गिर गए। सोमवार को मंडी में गेहूं न्यूनतम 1861 और मध्यम 1985 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बिका। जबकि अधिकत 2173 रुपए क्विंटल रहा। पंद्रह दिन पहले 2300 से 2400 रुपए क्विंटल तक गेहूं के भाव रहे। तब और अब में औसत 539 रुपए का अंतर आया है। आज गेहूं की आवक तीन हजार क्विंटल के नीचे रही।
जिले के ट्रेडर्स से निर्यातको को 8 लाख क्विंटल से अधिक गेहूं बेचा है। मंडी की देखरेख में पोर्ट पर गेहूं की रैक भेजी गई। पखवाड़ेभर पहले केन्द्र सरकार ने गेहूं निर्यात पर रोक लगा दी। जिससे जिले के व्यापारी की ओर से पोर्ट पर भेजी गई रैक का पचास फीसदी गेहूं तब से पोर्ट पर रखा हुआ है। जिसमें खंडवा समेत मूंदी, पंधाना, खिरकिया, भीकनगांव आदि जगहों के व्यापारी ने मिलकर रैक भेजी है। प्रत्येक रैक में औसत 15-20 व्यापारियों का गेहूं एक साथ रैक में भेजा जाता था। कई व्यापारियों ने बताया कि जिले में कई बड़े निर्यतको को व्यापारियों ने गेहूं का सौदा किया है। निर्यात की स्थित साफ नहीं होने से सौदा रद्द कर दिया गया है।
खंडवा मंडी में सबसे अधिक गेहूं की आवक
किसानों ने मंडियों में व्यापारियों को लगभग बीस लाख क्विंटल गेहूं बेचा है। जिसमें सबसे ज्यादा खंडवा कृषि उपज मंडी में 11 लाख क्विंटल से अधिक गेहूं की आवक रही। हरसूद मंडी में चार लाख अस्सी हजार क्विंटल आवक रही। इसके अलावा यहां पर समर्थन मूल्य पर दो हजार क्विंटल तौल हुई है। इसी तरह पंधाना में दो लाख बीस हजार क्विंटल की आवक रही। यहां पर समर्थन मूल्य पर मात्र 261 क्विंल तौ हुई है।
व्यापारियों के स्टाक मिलान में छूट रहा पसीना
निर्यात प्रभावित होने के बाद कारोबारियों के स्टाक का मिलान करने मंडी अधिकारियों का पसीना छूट रहा है। गेहूं समेत चना, सोयाबीन, मूंग, तुअर आदि अनाज खरीदने वाले टेडर्स का हिसाब अभी तक क्लीयर नहीं हो सका है। अधिकारियों का दावा है कि व्यापारियों की ओर से की जा रही अनाज की खरीदी का हिसाब ऑनलाइन सचिव के लॉगिन पर दिखता है। इसके बाद भी मंडी के बाहर स्टाक में रखे व्यापारियों के अनाज का हिसाब मंडी अधिकारी नहीं ले पा रहे हैं।
गेहूं के भाव पखवाड़ेभर के भीतर 539 रुपए का अंतर
कृषि उपज मंडी में गेहूं की आवक कम होने के बाद भी पखवाड़ेभर के भीतर लगभग 300 रुपए क्विंटल भाव गिर गए। सोमवार को मंडी में गेहूं न्यूनतम 1861 और मध्यम 1985 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बिका। जबकि अधिकत 2173 रुपए क्विंटल रहा। पंद्रह दिन पहले 2300 से 2400 रुपए क्विंटल तक गेहूं के भाव रहे। तब और अब में औसत 539 रुपए का अंतर आया है। आज गेहूं की आवक तीन हजार क्विंटल के नीचे रही।