प्रभारी अधिकारी ने जो अपना कथन दिया है, उसमें उन्होंने कहा है कि अनाज के पैकेट जरूरतमंदों तक पहुंचाए थे, लेकिन अब वहां पर जरूरत नहीं है, इसलिए हम वापस गाड़ी खाली करवा रहे हैं। लगभग 2 घंटे तक चले इस घटनाक्रम में प्रशासन की खाद्यान्न आवंटन की पूरी प्रक्रिया ही संदेह के घेरे में खड़ी हो गई है।
घटना शुक्रवार दोपहर की है। कांग्रेस के पूर्व पार्षद शौकत काका, सिद्दीक पटेल, आसिम पटेल दीनदयाल रसोई खाद्यान्न आवंटन केंद्र पर पहुंचे थे। यहां पर एक सरकारी अफसर की चार पहिया वाहन में दर्जनों भोजन के पैकेट रखे हुए थे। यह पैकेट कहां ले जा रहे थे, इसकी कोई भी एंट्री रजिस्टर में इंद्राज नहीं थी। जब जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन के मौजूदा अधिकारियों से यह जानकारी लेना चाही तो उन्होंने उनको वहां से बाहर निकल जाने को कहा। पूर्व पार्षद आसिम पटेल के मुताबिक अधिकारियों द्वारा लगातार यहां से सरकारी और लोगों के द्वारा दान किए गए खाद्यान्न की अफरा-तफरी की जा रही है। शुक्रवार को भी यही घटना हुई तो हमने उसका वीडियो बनाया और मीडिया को सूचना दी। इस मामले में हम मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को भी शिकायत करेंगे। दीनदयाल रसोई की प्रभारी डिप्टी कलेक्टर अनुभा जैन ने कहा कि यह पैकेट मेडिकल कॉलेज के पीछे झोपड़पट्टी में जरूरतमंद परिवारों को भेजे जा रहे थे, लेकिन अब पता चला है कि उनके पास पहुंच गए हैं, उनको नहीं भेज रहे हैं।