खंडवा डायोसिस के प्रवक्ता जेएन अलेक्स ने बताया पाम संडे को ईसाई समुदाय प्रभु यीशु के यरुशलम में विजयी प्रवेश के रूप में मनाते है। उन्होंने बताया कि पवित्र बाइबल में कहा गया है कि प्रभु यीशु जब यरुशलम पहुंचे, तो उनके स्वागत में बड़ी संख्या में लोग पाम यानी खजूर की डालियां अपने हाथों में लहराते हुए एकत्रित हो गए थे। लोगों ने प्रभु यीशु की शिक्षा और चमत्कारों को शिरोधार्य कर उनका जोरदार स्वागत किया था। यह बात करीब दो हजार वर्ष पहले की है। उस दिन की याद में पाम संडे मनाया जाता है। पाम संडे को पवित्र सप्ताह की शुरुआत के रूप में भी मनाया जाता है। इसका समापन ईस्टर के रूप में होता है। ईस्टर १२ अप्रैल को मनाया जाएगा। पाम संडे दक्षिण भारत में प्रमुखता से मनाया जाएगा। इसे पैसन संडे भी कहा जाता है। खंडवा डायोसिस के प्रवक्ता अलेक्स इस बार कोरोना वायरस संक्रमण के प्रकोप को देखते हुए। पाम संडे, गुड फ्राइडे और ईस्टर पर चर्च में होने वाले आयोजन निरस्त किए गए है। सभी लोग अपने-अपने घरों में रहकर प्रार्थना करें कि हमारा भारत देश और सारी दुनिया कोरोना महामारी से अतिशीघ्र स्वस्थ हो।