कोरोना काल बना खिलाडिय़ों की आगे बढऩे की राह में बाधा
खंडवाPublished: Oct 31, 2020 10:07:49 pm
-आठ माह से कोई भी खेल प्रतियोगिता का नहीं हुआ आयोजन-प्रतियोगिताओं में चयनित खिलाडिय़ों को मिलते बोर्ड परीक्षा में अतिरिक्त अंक-रेलवे, पुलिस सहित कई विभागों में नौकरी के भी खुलते अवसर
-आठ माह से कोई भी खेल प्रतियोगिता का नहीं हुआ आयोजन-प्रतियोगिताओं में चयनित खिलाडिय़ों को मिलते बोर्ड परीक्षा में अतिरिक्त अंक-रेलवे, पुलिस सहित कई विभागों में नौकरी के भी खुलते अवसर
खंडवा.
वैश्विक बीमारी कोविड-19 से पूरी दुनिया का नुकसान हुआ है। चाहे अमीर हो या गरीब, छोटा हो या बड़ा हर किसी को कोरोना ने प्रभावित किया है। कोरोना काल जिले के खिलाडिय़ों की आगे बढऩे की राह में भी बाधा बना है। कोरोना के चलते पिछले आठ माह से खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित नहीं हुई। वहीं, भविष्य में खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन होने की संभावना भी कम दिख रही है। जिसके कारण अपनी एज ग्रुप से बाहर हुए खिलाडिय़ों को दूसरे एज ग्रुप में प्रवेश करने से लंबा संघर्ष करना पड़ेगा।
जिला क्रिकेट एसोसिएशन जिला उपाध्यक्ष डीएस तोमर ने बताया कि खिलाडिय़ों के लिए खेल के माध्यम से आगे बढऩे की कई संभावनाएं रहती है। शासकीय प्रतियोगिताओं में संभागीय, स्टेट और नेशनल खेलने वाले खिलाडिय़ों को जहां परीक्षाओं में अतिरिक्त अंक मिलते है। शालेय प्रतियोगिताओं में स्टेट खेलने वाले खिलाड़ी को बोर्ड परीक्षा में 10 अंक और नेशनल खेलने वाले खिलाड़ी को 20 अंक अलग से दिए जाते है। वहीं, कई विभागों जैसे पुलिस, रेलवे, खेल एवं युवा कल्याण विभाग में नौकरी के भी अवसर प्रदान होते है। साथ ही खेल एवं युवा कल्याण विभाग की ओर से खेल के लिए छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है।
खेल से दूर रहने से कई खिलाड़ी अनफीट भी
खेल के माध्यम से भविष्य की राह संवारने वाले उन खिलाडिय़ों को ज्यादा नुकसान हुआ है जो अपने एज ग्रुप से अब निकल चुके है। जो खिलाड़ी अंडर 16, अंडर 17 के लिए चयनित होना था, उसका एक साल पूरा खराब होने से अब उसे आगे के आयु वर्ग में खेलना होगा। इसमें अधिकतर खिलाड़ी शालेय प्रतियोगिताओं से वंचित होंगे। वहीं, कॉलेज के कई खिलाड़ी भी पीजी कोर्र्स पूरा करने के चलते यूनिवर्सिटी तक नहीं खेल पाएंगे। इसके साथ ही लंबे समय खेल मैदान से बाहर रहे कई खिलाड़ी फिजिकली तौर पर अनफीट भी हो गए है। हालांकि कोविड-19 के प्रावधानों के तहत अब खिलाड़ी मैदान पर लौटे जरूर हैं, लेकिन अभी भी स्कूल, कॉलेज में खेल प्रतियोगिताओं के लिए कोई दिशा निर्देश नहीं होने से खिलाडिय़ों में निराशा जरूर है।
होगी खिलाडिय़ों को परेशानी
खिलाडिय़ों की उम्र बढऩे से उन्हें आगे चलकर खेल प्रतियोगिताओं से बाहर होना पड़ सकता है। खेल प्रतियोगिताएं नहीं होने से खिलाडिय़ों के आगे बढऩे के अवसर भी कम हुए है। वहीं, खिलाडिय़ों को लंबे समय मैदान से बाहर रहने से शारीरिक तौर पर भी परेशानी हो रही है।
रोमी नारंग, अध्यक्ष जिला क्रिकेट एसोसिएशन