कोरोना वायरस से बचाव के लिए विशेषज्ञ सावधानी के तौर पर खांसते, छींकते समय मूंह पर रूमाल, कपड़ा रखने और साबून से हाथ धोने की सलाह दे रहे हंै। जिसके बाद शहर में मेडिकल मास्क और सेनेटाइजर (हाथ धोने वाला मेडिकल लिक्विड) की मांग बढ़ गई है। जो मास्क पहले 3 से 5 रुपए में बिक रहे थे, अब उनकी कीमत 15 से 20 रुपए तक हो गई है। वहीं, 75 रुपए से लेकर 200 रुपए तक बिकने वाले सेनेटाइजर की कीमतों में भी तीन गुना इजाफा हुआ है। मेडिकल एसोसिएशन संगठन सचिव संजय विधानी ने बताया कि बड़े शहरों में मांग Óयादा होने से शहर में मास्क और सेनेटाइजर की सप्लाय रुक गई है। हालांकि जिले में स्टाकिस्टों के पास पर्याप्त मात्रा में माल है, लेकिन वो महंगे दामों में खरीदा गया है, जिसके कारण कीमतें बढ़ी है।
अब तक नहीं आए टाइवैक सूट
कोरोना संदिग्ध मरीजों के इलाज के दौरान डॉक्टर्स और स्टाफ द्वारा टाइवैक सूट पहनना अनिवार्य है, जिससे संक्रमण बाहर न फैले। जिला अस्पताल में कोरोना संदिग्ध मरीजों के लिए ट्रामा सेंटर में तीन बेड का आयसोलेशन वार्ड और छैगांवमाखन में पांच बेड का क्योरेनटाइन वार्ड बनाया गया है। जिला अस्पताल को अभी तक टाइवैक सूट और नॉन कॉन्टेक्ट थर्मामीटर उपलब्ध नहीं हो पाए है। हालांकि जिला महामारी नियंत्रक डॉ. योगेश शर्मा का कहना है कि टाइवैक सूट मिलने तक पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट (पीपीई) किट पहनकर संदिग्ध मरीज का इलाज किया जा सकता है। इलाज के लिए टेमीफ्लू कैप्सूल भी उपलब्ध है। वहीं, स्टाफ के लिए एन-95 मास्क, ट्रिपल लेयर मास्क भी पर्याप्त मात्रा में हैं।
कोरोना संदिग्ध मरीजों के इलाज के दौरान डॉक्टर्स और स्टाफ द्वारा टाइवैक सूट पहनना अनिवार्य है, जिससे संक्रमण बाहर न फैले। जिला अस्पताल में कोरोना संदिग्ध मरीजों के लिए ट्रामा सेंटर में तीन बेड का आयसोलेशन वार्ड और छैगांवमाखन में पांच बेड का क्योरेनटाइन वार्ड बनाया गया है। जिला अस्पताल को अभी तक टाइवैक सूट और नॉन कॉन्टेक्ट थर्मामीटर उपलब्ध नहीं हो पाए है। हालांकि जिला महामारी नियंत्रक डॉ. योगेश शर्मा का कहना है कि टाइवैक सूट मिलने तक पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट (पीपीई) किट पहनकर संदिग्ध मरीज का इलाज किया जा सकता है। इलाज के लिए टेमीफ्लू कैप्सूल भी उपलब्ध है। वहीं, स्टाफ के लिए एन-95 मास्क, ट्रिपल लेयर मास्क भी पर्याप्त मात्रा में हैं।
स्वास्थ्य कर्मियों का हुआ प्रशिक्षण
नोवल कोरोना वायरस से फैल रही बीमारी कोविड-19 के संबंध में बचाव एवं रोकथाम की जानकारी देने के लिए राÓय स्तर पर शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सभी ब्लॉकों में स्थित उत्कृष्ट स्कूलों में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में स्वास्थ्य विभाग के बीसीएम, एएनएम, एमपीडब्ल्यू, स्टॉफ नर्स, एलएचवी, सुपरवाइजर, आशा, आशा सहयोगिनी तथा ब्लॉक की कांबेट टीम आदि मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य आयुक्त प्रतीक हजेला, अपर संचालक डॉ. मीणा सिन्हा द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।
नोवल कोरोना वायरस से फैल रही बीमारी कोविड-19 के संबंध में बचाव एवं रोकथाम की जानकारी देने के लिए राÓय स्तर पर शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सभी ब्लॉकों में स्थित उत्कृष्ट स्कूलों में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में स्वास्थ्य विभाग के बीसीएम, एएनएम, एमपीडब्ल्यू, स्टॉफ नर्स, एलएचवी, सुपरवाइजर, आशा, आशा सहयोगिनी तथा ब्लॉक की कांबेट टीम आदि मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य आयुक्त प्रतीक हजेला, अपर संचालक डॉ. मीणा सिन्हा द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।
आयुष विभाग ने आयुर्वेद काढ़ा पिलाया
ग्राम जसवाड़ी में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुष विभाग द्वारा आयुर्वेद काढ़ा पिलाया गया। यहां शासकीय आयुर्वेदिक औषधालाय में डॉ. अनिशा चौहान, पेरामेडिकल स्टाफ अनिता फिरके, मोहनलाल पटेल, आशुतोष शिंदे के सहयोग से त्रिकटु चूर्ण, तुलसी पत्र, गिलोय से काढ़ा बनाकर 512 लोगों को पिलाया गया। साथ ही आयुष विभाग द्वारा साफ सफाई संबंधित जानकारी भी दी गई।
ग्राम जसवाड़ी में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुष विभाग द्वारा आयुर्वेद काढ़ा पिलाया गया। यहां शासकीय आयुर्वेदिक औषधालाय में डॉ. अनिशा चौहान, पेरामेडिकल स्टाफ अनिता फिरके, मोहनलाल पटेल, आशुतोष शिंदे के सहयोग से त्रिकटु चूर्ण, तुलसी पत्र, गिलोय से काढ़ा बनाकर 512 लोगों को पिलाया गया। साथ ही आयुष विभाग द्वारा साफ सफाई संबंधित जानकारी भी दी गई।