बढ़ी बिजली की मांग, कोयले की आवक हुई कम
सिंगाजी ताप परियोजना में सिर्फ तीन दिन का कोयला बाकी
-आने वाले दिनों में हो सकता है बिजली उत्पादन प्रभावित, ग्रामीण क्षेत्रों में कटौती शुरू
खंडवा
Published: April 29, 2022 11:29:40 am
खंडवा.
गर्मी के कहर से बचने के लिए घरेलू बिजली की खपत भी बढ़ गई है। पिछले माह की तुलना में चालू माह में अब तक जिलेवासी 5 लाख यूनिट अधिक बिजली जला चुके है। इधर बिजली की खपत लगातार बढ़ रही है, उधर बिजली परियोजनाओं में कोयले की कमी के चलते बिजली उत्पादन प्रभावित होने की संभावना बनी हुई है। प्रदेश की सबसे बड़ी बिजली परियोजना में भी महज तीन दिन का कोयला शेष बताया जा रहा है। जिसके चलते आने वाले दिनों में मांग और आपूर्ति का अंतर बढऩे से बिजली कटौती का भी सामना लोगों को करना पड़ सकता है।
जिले में दो पन बिजली परियोजनाओं के साथ सिंगाजी थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट से बिजली उत्पादन हो रहा है। वर्तमान में सिंगाजी थर्मल पॉवर की चारों यूनिट लगातार चल रही है, जिससे करीब 2 हजार मेगावॉट बिजली उत्पादन हो रहा है। बताया जा रहा है कि सिंगाजी थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट में 1.15 लाख मीट्रिक टन कोयला बचा हुआ है। जिस रफ्तार से चारों यूनिट चल रही है, उसके अनुसार ये कोयला महज तीन दिन तक ही पूरा पड़ पाएगा। इसके बाद यदि कोयले की रैक नहीं आती है तो सिंगाजी थर्मल से बिजली उत्पादन में कमी आने की संभावना है। हालांकि थर्मल पॉवर प्लांट के अधिकारी जल्द ही कोयले की रैक आने की बात कह रहे है।
ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती शुरू
बिजली उत्पादन वाली तहसील मांधाता में ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती का दौर शुरू हो गया है। उल्लेखनीय है कि मांधाता तहसील में ओंकारेश्वर परियोजना, इंदिरा सागर परियोजना और सिंगाजी थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट चल रहे है। यहां मूंदी और बीड़ सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों रोजाना अघोषित कटौती से लोगों को जूझना पड़ रहा है। ग्रामीणों के अनुसार दिनभर में आठ से दस बार बिजली ट्रिपिंग हो रही है। वहीं, किसानों को 10 घंटे मिलने वाली बिजली में भी कटौती का दौर शुरू हो गया है।
लगातार बढ़ रही बिजली खपत
जिले में बिजली की खपत लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले माह मार्च में 20 लाख यूनिट घरेलू बिजली की खपत हुई थी। जबकि अप्रैल माह के 27 दिनों में ही 25 लाख यूनिट खपत हो चुकी है। उल्लेखनीय है कि इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी के चलते पंखे, कूलर, एसी 12 से 24 घंटे तक चल रहे है। इधर उद्योगों को दी जाने वाली बिजली की भी मांग बढ़ रही है। साथ ही बोवनी की तैयारी में लगे किसानों को भी सिंचाई आदि के लिए बिजली लग रही है।
चारों यूनिट कर रही उत्पादन
परियोजना की चारों यूनिट से बिजली का उत्पादन हो रहा है। बुधवार तक कोयले की 8 रैक रोजाना आ रही थी। हमारे पास 1.15 लाख मीट्रिक टन कोयला है। आने वाले दिनों में रैक भी बढऩे लगेगी।
आरपी पांडे, पीआरओ सिंगाजी थर्मल प्लांट
नहीं आया मांग आपूर्ति में अंतर
मांग के अनुसार बिजली की आपूर्ति हो रही है। फिलहाल बिजली संकट जैसी कोई बात नहीं है। किसानों को भी 10 घंटे पर्याप्त बिजली दी जा रही है। बिजली कटौती फिलहाल कहीं नहीं हो रही।
संजय जैन, अधीक्षण यंत्री विविकं

आने वाले दिनों में हो सकता है बिजली उत्पादन प्रभावित
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