अजीब फरमान: डीइओ ने की कलेक्टर की जांच!
खंडवाPublished: Apr 11, 2021 11:19:49 am
मामले में लोकायुक्त ने दर्ज किया है प्रकरण
Pitlia is in danger, police has given security
खंडवा. लोकायुक्त में दर्ज हुए एक प्रकरण में जांच के लिए संयुक्त संचालक लोक शिक्षण द्वारा खंडवा डीइओ सहित दो अन्य की टीम गठित की गई। इस जांच के दायरे में तत्कालीन इंदौर डीइओ सहित तत्कालीन इंदौर कलेक्टर और जिला पंचायत सीइओ भी थी। जांच मिलने के बाद टीम सकते में आ गई, कि डीइओ, प्राचार्य स्तर के अफसर कैसे कलेक्टर, सीइओ स्तर पर अफसरों की जांच करेंगे। आखिरकार पूरी जांच में खानापूर्ति कर रिपोर्ट संयुक्त संचालक को सौंप दी गई।
जानकारी के अनुसार लोकायुक्त इंदौर द्वारा जुलाई २०२० में की गई शिकायत की जांच के लिए मामला भोपाल लोकायुक्त भेजा गया। भोपाल में शिकायत सही मिलने पर मामला दर्ज कर लिया गया और जांच के लिए लोक शिक्षण संचालनालय को निर्देश दिए। इसके बाद आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा संयुक्त संचालक लोक शिक्षण इंदौर संभाग आर के ङ्क्षसह को जांच के लिए कहा गया। संयुक्त संचालक सिंह ने मार्च २०२१ में तीन सदस्यीय टीम गठित की। इस टीम खंडवा डीइओ एसके भालेराव, सहायक संचालक धार मंग्लेश व्यास और खंडवा उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य आरसी सेन को शामिल किया।
शिकायतकर्ता संजय मिश्रा ने बताया कि उक्त जांच भोपाल स्तर पर आयुक्त स्तर के अफसरों द्वारा करवाई जाना थी। लेकिन खानापूर्ति करने के लिए शिक्षा विभाग के छोटे अफसरों को ही जांच अधिकारी बना दिया। इसलिए पूरे मामले में तत्कालीन इंदौर कलेक्टर और जिला पंचायत सीइओ के बयान तक नहीं हुए। पूरी जांच १५ मार्च तक पूरी की जाना थी। लेकिन जांच टीम इसी पशोपेश में रही कि आखिर कलेक्टर के बयान कैसे लिए जाए। अभी तक जांच पूरी नहीं हुई।
यह है पूरा मामला
आरटीआई कार्यकर्ता संजय मिश्रा इंदौर द्वारा २७ जुलाई २०२० को इंदौर में पदस्थ व्याख्याता पूर्णिमा मंडलोई के पदांकन को लेकर लोकायुक्त कार्यालय को शिकायत की गई। जिसमें तत्कालीन कलेक्टर निशांत बरबड़े, तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ नेहा मीणा, तत्कालीन प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी अक्षय ङ्क्षसह राठौर और जिला पंचायत के बाबू देवेंद्र चौबे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाएं गए। दरअसल पूर्मिणा मंडलोई डीपीसी कार्यालय में एपीसी के पद प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ थी। समय पूरा होने पर १७ सितंबर २०१८ सीइओ जिला पंचायत द्वारा सेवाएं दोबारा शिक्षा विभाग को सौंप दी गई। २८ सितंबर २०१८ को तत्कालीन डीइओ अक्षय ङ्क्षसह राठौर निमय विरुद्ध तरीके से नोटशीट चलाई। जिस पर कलेक्टर, सीइओ और जिला पंचायत के बाबू द्वारा सांठगांठ कर पूर्णिमा मंडलोई का ट्रांसफर उमावि विजयनगर में कर दिया गया।