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देव उठ जाएंगे लेकिन 23 दिन तक नहीं होंगे विवाह

locationखंडवाPublished: Nov 11, 2018 02:06:49 pm

19 नवंबर को तुलसी-सालिगराम का होगा विवाह

Devupthan Ekadashi

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खंडवा. देवोत्थान एकादशी 19 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन तुलसी और भगवान सालिगराम का विवाह घरों और मंदिरों में धार्मिक रीति-रिवाज से श्रद्धालुओं द्वारा किया जाएगा। देवोत्थान एकादशी से शुरू होने वाले विवाह समारोह पर अभी ब्रेक रहेगा। इस बार गुरु ग्रह और तारा बल अस्त रहने की वजह से 23 दिन तक कोई शादी नहीं होगी। शादी का पहला मुहूर्त दिसंबर में होने की बात पंडितों द्वारा कही जा रही है।
पंडितों के मुताबिक वर और कन्या के विवाह के समय गुरु ग्रह, शुक्र ग्रह और कृष्ण पक्ष में तारा बल और शुक्ल पक्ष में चंद्र बल की प्रधानता देखी जाती है। इस बार शुक्र ग्रह देवोत्थान से पहले उदय हो जाएगा, लेकिन गुरु ग्रह और तारा बल अस्त होने की वजह से शादी, विवाह व मांगलिक कार्य संपन्न नहीं हो सकेंगे, इसके लिए वर और कन्या पक्ष को गुरु ग्रह व तारा बल के उदय होने का इंतजार करना होगा।
ऐसा योग लंबे समय बाद आ रहा है, जब तारा बल और गुरु ग्रह अस्त होने की वजह से शादी व मांगलिक कार्य देवोत्थान एकादशी से प्रारंभ नहीं हो सकेंगे।
दिसंबर में सिर्फ दो दिन विवाह का शुभ मुहूर्त
लंबे इंतजार के बाद दिसंबर महीने में दो दिन विवाह का मुहूर्त रहेगा। 6 दिसंबर को गुरु ग्रह उदय हो जाएगा, लेकिन कृष्ण पक्ष में तारा बल की प्रधानता नहीं होने से शादी व मांगलिक कार्य संपन्न नहीं होंगे। पंडित नरेंद्र नाथ पांडेय के मुताबिक पहला मुहूर्त 12 दिसंबर को रहेगा। इस महीने में दो मुहूर्त ही हैं। इसके बाद शादियों पर फिर बे्रेक रहेगा। मकर संक्रांति के बाद ही शादियां होंगी। शादियों का मुहूर्त 23 जनवरी के बाद शुरू होगा।
जागेंगे भगवान विष्णु, होगा चातुर्मास का समापन
कार्तिक शुक्ल एकादशी वर्ष की सबसे बड़ी एकादशी मानी जाती है। इसके पीछे कारण यह है कि इस दिन भगवान विष्णु चार महीने के विश्राम के बाद जागते हंै। उनके जागने के साथ ही तुलसी-सालिगराम का विवाह कराया जाता है। इसके साथ चातुर्मास का समापन होता है। भगवान विष्णु के जागने के बाद ही विवाह का सिलसिला शुरू होता है। इस एकादशी को देवउठनी एकादशी, देव प्रबोधिनी एकादशी और देवोत्थान एकादशी कहा जाता है।
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