बरसी के लिए रविवार को शुद्ध घी के नुक्ती की प्रसादी बनाना शुरू किया। डेढ़ क्विंटल बेसन, दो क्विंटल 10 किलो और 5 डिब्बे शुद्ध घी से नुक्ती बनाई। रविवार को 50 किलो की खिचड़ी और 30 लीटर दही की कड़ी बनी।
सोमवार सुबह 4 से 5.30 बजे तक समाधि स्नान, मंगल आरती व भोग आरती हुई। 8 से 9.30 बजे तक पूजन, बड़ी आरती, 10 से 10.30 बजे तक समाधि सेवा, नैवेद्य लगाया गया। शाम 4 से 5 बजे तक समाधियों का गंगाजल व पंचामृत से स्नान। इसके बाद सत्यनारायण कथा। रात 8 बजे से बड़ी महाआरती होगी।