अदालत में दूर हुई अनबन, थामा एक दूजे का हाथ
खंडवाPublished: Nov 12, 2022 11:52:02 pm
राष्ट्रीय लोक अदालत: शिक्षिका की मौत पर 89 लाख का अवार्ड पारित, 488 प्रकरणों में राजीनामा, 1256 प्रीलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण


Disputes resolved in court, held each other's hand
खंडवा. साल की अंतिम राष्ट्रीय लोक में शनिवार को 488 प्रकरणों में राजीनामा से निराकरण कराया गया। जबकि 1256 प्रीलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण हुआ। कुटुंब न्यायालय में आए दम्पतियों और लंबित प्रकरणों में समझौता करने वालों को एक पौधा देकर उन्हें घर को रवाना किया गया।
मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रकाश चन्द्र आर्य के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय लोक अदालत हुई। जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सूरज सिंह राठोड़ के निर्देशन एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी अनुपमा मुजाल्दे के समन्वय से वर्ष की चतुर्थ नेशनल लोक अदालत का आयोजन खंडवा मुख्यालय समेत तहसील न्यायालय हरसूद, पुनासा, श्रृखंला न्यायालय ओंकारेश्वर में किया गया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रकाशचन्द्र आर्य ने शुभांरभ करते हुए कहा कि विवादों के त्वरित निराकरण के लिए लोक अदालत एक मजबूत मंच है। जहां विवाद के दोनो पक्षकार मिल बैठकर आपसी सहमति व राजीनामे के आधार पर अपने विवादों का समाधान करते हैं।
डंपर की चपेट में आई थी शिक्षिका
राष्ट्रीय लोक अदालत में विशेष रूप से शिक्षिका के प्रकरण को रखा गया। मोटर दुर्घटना में केन्द्रीय विद्यालय की शिक्षिका गायत्री चौहान की 12 फरवरी 2020 को दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। इस प्रकरण के निराकरण के लिए मृतका की ओर से अधिवक्ता बीपी तिरोले, शांतिलाल पटेल ने पैरवी की। जिसमें 89 लाख रुपए का अवार्ड पारित किया गया। मृतका के पति दर्शनपाल सिंह चौहान, पुत्र आरव और पुत्री दीक्षा प्रकरण दर्ज होने के बाद से ही क्लेम राशि का इंतजार कर रहे थे।
18 न्यायिक खंडपीठ पर लगी अदालत
नेशनल लोक अदालत के लिए खंडवा मुख्यालय पर 13 खंडपीठ, तहसील न्यायालय हरसूद में 3 एवं तहसील न्यायालय पुनासा व मांधाता में 2 खंडपीठ का गठन किया गया था। 18 न्यायिक खंडपीठों ने न्यायालयों में लंबित 488 प्रकरणों का राजीनामा के आधार पर और 1256 प्रीलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया।
जिला उपभोक्ता आयोग खंडवा में न्यायमूर्ति शांतनु एस केमकर ने निर्देशन में महा उपभोक्ता लोक अदालत का आयोजन हुआ। न्यायाधीश बलराज कुमार पालोदा ने जिला उपभोक्ता आयोग इंदौर क्रमांक 1 से वर्चुअल सुनवाई के माध्यम से लोक अदालत संपादित कराई। जिसमें सदस्य अंजली जैन सहयोगी रहीं। 6 मूल प्रकरण, 6 निष्पादन प्रकरण में आपसी समझौता कराया गया। जिससे 24 पक्षकारों को लाभ हुआ। 46948 रुपए की राशि से उपभोक्ता लाभान्वित हुए हैं। अधिवक्ता अभय दुबे, मनोज फुलमाली, विजय चौधरी आदि ने सहयोग किया। न्यायालय अधीक्षक बसंत कलम भी इस दौरान अपने सहयोगियों के साथ उपिस्थत रहे।
अब नहीं छोड़ेंगे साथ
कुटुंब न्यायालय में नीलम को मिले भुसावल के साजन को खंडवा की नीलम का साथ मिला। ढाई साल से दोनों के बीच विवाद चल रहा था। आपसी राजीनामा कर दोनों ने एक दूसरे को माला पहनाई और उपहार में पौधा लेकर एक साथ हंसते हुए घर को गए। नीलम ने बताया कि उनकी कोई संतान नहीं है। अब वह पति के साथ ससुराल जा रही है। इसी क्ष्डेढ़ साल से अलग रह रहे रुस्तमपुर निवासी जफर ने फिर एक बार अपनी पत्नी साजिया का हाथ थामा। दोनों के बीच अनबन होने पर न्यायालय तक बात पहुुंच गई थी। जफर की ओर से अधिवक्ता दीपक तिवारी और साजिया की तरफ से मुकेश नागोरी अधिवक्ता रहे।