भोमवाड़ा के किसान अखिलेश यादव का कहना है कि पिछले कुछ महीने में प्याज का 200 से लेकर 900 रुपये तक रेट मिल रहा था। लेकिन अब 100 से 150 रुपए प्रति क्विंटल तक में बेचने को मजबूर हो गए हैं। ऐसे में लागत तक नहीं निकल पा रही है। मैने 4 एकड़ में प्याज लगाए थे। 30 हजार रूपए प्रति एकड़ के हिसाब से खर्च आया था। जब ट्रक भर के प्याज इंदौर ले गया तो मात्र 65 हजार के निकले।
गर्मियों के प्याज का मौसम शुरू होने के बाद से कीमतों में गिरावट जारी है। पिछले दो महीने से भाव इतने गिर गए हैं कि किसान खेत मे ही ट्रैक्टर चला कर फसल बर्बाद करना सही समझ रहे हैं। क्योंकि लागत तक निकाल पाना हुआ मुश्किल है।
गर्मियों के प्याज का मौसम शुरू होने के बाद से कीमतों में गिरावट जारी है। पिछले दो महीने से भाव इतने गिर गए हैं कि किसान खेत मे ही ट्रैक्टर चला कर फसल बर्बाद करना सही समझ रहे हैं। क्योंकि लागत तक निकाल पाना हुआ मुश्किल है।
बोराडीमाल के किसान तोलाराम यादव ने बताया कि प्याज एक नकदी फसल है और इसका प्रयोग पूरे साल होता है। खरीफ में लाल प्याज की रिकॉर्ड कीमत को देखकर किसानों ने उम्मीद जताई थी कि रबी में भी अच्छा रेट मिलेगा। गर्मी के प्याज और खरीफ प्याज की बढ़ती आवक और घटती मांग के चलते प्याज ने किसानों की आंखों में आंसू ला दिए हैं। किसान दीपक कुमरावत, लक्ष्मी नारायण राठौर आनंदराम यादव, दिलीप यादव का कहना है कि चार महीने की कड़ी मेहनत, सिंचाई और दवाओं के छिडक़ाव के बाद अगर कृषि वस्तुओं के परिवहन का खर्च लागत तक नहीं निकल पा रहा है। ऐसे में किसानों के मन मे सवाल उठ रहा है कि आगे कैसे प्याज की खेती करें?
किसानों की चिंता की मुख्य वजह
कई किसानों के पास प्याज रखने के भंडारगृह नहीं ह।ै बारिश में के पहले किसानों अपनी फसल जमीन से निकाल ली ह।ै अब उन्हें खराब होने का चिंता सता रही है। दरअसल बारिश में प्याज आपने आप अंकुरित हो जाती है वहीं बाहरी हिस्सा खराब होने लग जाता है।
कई किसानों के पास प्याज रखने के भंडारगृह नहीं ह।ै बारिश में के पहले किसानों अपनी फसल जमीन से निकाल ली ह।ै अब उन्हें खराब होने का चिंता सता रही है। दरअसल बारिश में प्याज आपने आप अंकुरित हो जाती है वहीं बाहरी हिस्सा खराब होने लग जाता है।