शाम को छात्र परिषद की बैठक में बड़ा निर्णय लिया कि सभी कक्षाओं के बीच प्रतिस्पद्र्धा कराई जाएगी। उपस्थिति, सजावट, अनुशासन सहित अन्य मापदंड पर इन्हें परखा जाएगा और फिर इसमें से बेस्ट कक्षा चुनी जाएगी और उसे पुरस्कृत किया जाएगा। अब अगले शनिवार से क्रमश: 11वीं, 10वीं व 9वीं के टॉपर्स को भी ये मौका मिलेगा। फिर यही क्रम अद्र्धवार्षिक परीक्षा के बाद दोहराया जाएगा।
परिवार शिक्षित, पापा पे्ररणास्रोत
हर्षिता के पिता वासुदेव विश्वकर्मा ऑटो ड्राइवर हैं, जबकि मां सरोज विश्वकर्मा गृहिणी हैं। हर्षिता ने कहा- मेरा पूरा परिवार शिक्षित है। भाई बीकॉम कर रहा है। मेरी प्रेरणा के स्रोत मेरे पापा हैं। प्रतिस्पद्र्धा इतनी कि मैं खुद भी प्रेरित होती हूं। हमने कुछ पुण्य कर्म किए होंगे जो इतने अच्छे टीचर्स मिले। वो हमेशा अच्छी बात सिखाते हैं। एक दिन का प्राचार्य बनने की बहुत खुशी है। मुझे ऐसा लग रहा है कि मैंने मेहनत की, मुझे पुरस्कार मिला। मुझे लगता है कि सभी बच्चों को प्रेरणा मिलेगी। हर छात्र-छात्रा मेहनत करेंगे और हमारी स्कूल का रिजल्ट 100 प्रतिशत भी रह सकता है।
हर्षिता के पिता वासुदेव विश्वकर्मा ऑटो ड्राइवर हैं, जबकि मां सरोज विश्वकर्मा गृहिणी हैं। हर्षिता ने कहा- मेरा पूरा परिवार शिक्षित है। भाई बीकॉम कर रहा है। मेरी प्रेरणा के स्रोत मेरे पापा हैं। प्रतिस्पद्र्धा इतनी कि मैं खुद भी प्रेरित होती हूं। हमने कुछ पुण्य कर्म किए होंगे जो इतने अच्छे टीचर्स मिले। वो हमेशा अच्छी बात सिखाते हैं। एक दिन का प्राचार्य बनने की बहुत खुशी है। मुझे ऐसा लग रहा है कि मैंने मेहनत की, मुझे पुरस्कार मिला। मुझे लगता है कि सभी बच्चों को प्रेरणा मिलेगी। हर छात्र-छात्रा मेहनत करेंगे और हमारी स्कूल का रिजल्ट 100 प्रतिशत भी रह सकता है।
प्राचार्य के रूप में ऐसे बीता हर्षिता का एक दिन
सुबह 10.30 बजे स्कूल परिसर में ध्वजारोहण कर सलामी दी। बच्चों से ऑनर प्राप्त किया। प्रार्थना सभा में स्टोरी, भाषण सुने।
प्राचार्य कक्ष में शिक्षक-शिक्षिकाओं की मीटिंग ली। पूरे दिन की कार्ययोजना पर चर्चा की और निर्देश दिए। प्राचार्य आरके सेन भी अनुसरण करते नजर आए।
टीचर्स की डायरी देखी और साइन भी की। कक्षाओं का निरीक्षण करते हुए बच्चों से पूछा- कितना कोर्स हुआ, क्या परेशानी है? शिक्षकों से कहा- नवाचार भी कराएं।
हर्षिता के हस्ताक्षर से ही छात्र परिषद की बैठक का नोटिस निकाला गया। लैब में पहुंची और वहां की स्थिति भी देखी। निर्णय ये भी लिया कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और बेहतर तरीके से कराई जाए।
सुबह 10.30 बजे स्कूल परिसर में ध्वजारोहण कर सलामी दी। बच्चों से ऑनर प्राप्त किया। प्रार्थना सभा में स्टोरी, भाषण सुने।
प्राचार्य कक्ष में शिक्षक-शिक्षिकाओं की मीटिंग ली। पूरे दिन की कार्ययोजना पर चर्चा की और निर्देश दिए। प्राचार्य आरके सेन भी अनुसरण करते नजर आए।
टीचर्स की डायरी देखी और साइन भी की। कक्षाओं का निरीक्षण करते हुए बच्चों से पूछा- कितना कोर्स हुआ, क्या परेशानी है? शिक्षकों से कहा- नवाचार भी कराएं।
हर्षिता के हस्ताक्षर से ही छात्र परिषद की बैठक का नोटिस निकाला गया। लैब में पहुंची और वहां की स्थिति भी देखी। निर्णय ये भी लिया कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और बेहतर तरीके से कराई जाए।
हर्षिता के पिता वासुदेव विश्वकर्मा बोले- बेटी की उपलब्धि पर हमें बहुत खुशी है। यहां के शिक्षक व प्राचार्यों की इसमें बड़ी भूमिका है। बेटी यूपीएससी की तैयारी करना चाहती है, हमारा पूरा सहयोग है। अभिभावकों से यही कहना चाहूंगा कि बेटियों को कम न समझें, उन्हें खूब पढ़ाएं।
वासुदेव विश्वकर्मा, हर्षिता के पिता
वासुदेव विश्वकर्मा, हर्षिता के पिता
ये जिले का उत्कृष्ट स्कूल है। चयनित विद्यार्थी आते हैं। यहां गतिविधियां अलग होना चाहिए। उसी के तहत नवाचार किया। अन्य बच्चे भी प्रेरित होंगे। वे भी एक दिन का प्राचार्य बनने के लिए पढ़ाई पर फोकस करेंगे। संस्था के साथ परिवार को भी खुशी मिलती है।
आरके सेन, स्कूल प्राचार्य
आरके सेन, स्कूल प्राचार्य