scriptमंदिर से बाहर निकलेंगे ओंकारजी, मालवा में 15 दिन तक जानेंगे प्रजा के हाल | Exit the temple Omkarji learn up to 15 days in Malwa people recently | Patrika News

मंदिर से बाहर निकलेंगे ओंकारजी, मालवा में 15 दिन तक जानेंगे प्रजा के हाल

locationखंडवाPublished: Oct 26, 2017 04:58:06 pm

मध्यप्रदेश के ओंकारेश्वर मंदिर से ओंकारजी पालकी में सवार होकर मालवा में 15 दिनों के भ्रमण पर निकलेंगे। इस दौरान वे प्रजा को दर्शन देंगे।

Exit the temple Omkarji learn up to 15 days in Malwa people recently

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ओंकारेश्वर. ओंकार जी महाराज 15 दिन के लिए शुक्रवार से मालवा भ्रमण करने के लिए जाएंगे। ये मान्यता कई सालों पुरानी है। इसमें ओंकारजी की पालकी मालवा क्षेत्र के गांव-गांव में जाकर भक्तों को दर्शन देंगी। आपको बता दें निमाड़-मालवा में किसानों ने ओंकारजी के लिए जमीनें भी दान की है। वहीं मान्यता के अनुसार ओंकारजी प्रजा के हाल जानने उनके घर-घर तक पहुंचते हैं।

गोपाष्टीम पर होगा विशेष पूजन-अभिषेक
ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधक ट्रष्टि राव देवेंद्र सिंह और सहायक कार्यपालन अधिकारी अशोक महाजन ने बताया कि कार्तिक सुदी अष्टमी को गोपाष्टमी के पर्व पर प्रात: 4 बजे मंदिर को पवित्र जल से धोकर ज्योतिर्लिंग भगवान ओंकारेश्वर की विशेष पूजन अभिषेक किया जाएगा। आटे, गुड़, घी, मेवे से बने सुकड़ी प्रसाद का महाभोग लगाया जाएगा।

11 नवंबर को वापस आंएगे मंदिर
इसके पूर्व मंदिर परिसर में स्थित सभी मंदिरों की विशेष पूजा होगी। पंचमुखी गणेश हनुमान जी, भैरवजी के चोले चढ़ाए जाएंगे। 27 अक्टूबर को सायं काल प्रसाद बनाया जाएगा। इसके बाद 15 दिन तक मान्यता के अनुसार ओंकारेश्वर भगवान मालवा भ्रमण के लिए रवाना हो जाएंगे। 11 नवंबर काल भैरव अष्टमी पर ओमकार जी महाराज पुन: मंदिर में आएंगे। विशेष पूजन कर भैरव जी का चोला चढ़ाया जाएगा। ओंकारेश्वर मंदिर में विशेष पूजन आरती होगी। इस बीच 28 अक्टूबर से 11 नवंबर तक रात्रि में शयन आरती के बाद लगने वाले चांदी के झूले, चोपड़, पासे, श्रंृगार आदि नहीं लगाए जाएंगे।

प्राचीन समय में पालकी में सवार होकर जाते थे
उल्लेखनीय है कि पहले प्राचीन समय में ओमकार जी महाराज पालकी में सवार होकर मालवा जाते थे। गांव गांव में रात्रि विश्राम करते और भ्रमण करते हुए वापिस आते थे। पालकी के साथ पंडित, पुजारी, सेवक गण साथ रहते थे। मालवा में भ्रमण करते हुए प्रजा का हाल जानते थे। लेकिन अब पालकी नहीं जाती है। मान्यता के अनुसार ओंकारजी महाराज मालवा भ्रमण के लिए जाते हैं। मालवा निमाड़ में किसानों ने ओमकार जी महाराज मंदिर के लिए जमीन भी दान की है।

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