खंडवा

खरपतवारों की भेंट चढ़ गया एक लाख क्विंटल सोयाबीन

15 दिन की लगातार बारिश से बिगड़ी फसल

खंडवाAug 25, 2019 / 06:08 pm

अजय पालीवाल

Farming News

खंडवा. करीब 15 दिन हुई लगातार बारिश किसानों को भारी पड़ गई है। इससे विशेषकर सोयाबीन की फसल को खासा नुकसान हुआ है। सोयाबीन के खेतों में बड़ी मात्रा में खरपतवार उग आए हैं जिससे फसल पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। मौसम खुला नहीं रहने के कारण किसान खेतों में खरपतवार नाशक डाल ही नहीं सके। हालांकि पिछले सप्ताह बारिश का दौर कुछ थमा था पर तब तक खरपतवार पर नियंत्रण का समय बीत चुका था।
निंदाई-गुड़ाई नहीं कर पाए किसान
कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार जिले में सोयाबीन का औसत उत्पादन 8-10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होता है। इस बार यह औसत कुछ कम हो जाने की आशंका है। दरअसल लगातार बरसात होने से हजारोंं हेक्टेयर में लगे सोयाबीन के खेतों में किसान निंदाई-गुड़ाई ही नहीं कर सके। इससे खेतों में बड़ी मात्रा में घास और अन्य खरपतवार उग आई जिससे सोयाबीन का उत्पादन प्रभावित हो रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार सोयाबीन की फसल में करीब 20-22 दिनों में खरपतवार नाशक डालना जरूरी होता है। बोवनी के बाद जैसे ही बारिश का दौर शुरू हुआ तो फिर कई दिनों तक थमा ही नहीं। लगातार कई दिनों तक आसमान साफ नहीं होने से किसानों को खेतों में खरपतवार नाशक डालने का मौका ही नहीं मिल सका। इससे फसल उत्पादन प्रभावित होगा।
बताया जा रहा है कि खरपतवार नाशक नहीं डालने से सोयाबीन के उत्पादन में 12 से 15 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। करीब 1 लाख क्विंटल सोयाबीन कम होने की आशंका है। सोयाबीन का भाव यदि न्यूनतम 3500 रुपए प्रति क्विंटल ही माना जाए तो जिले के किसानों को करीब 35 करोड़ रुपए का नुकसान होना तय है।
घट रहा है रकबा
जिले में सोयाबीन का रकबा कई सालों से लगातार कम हो रहा है। घटते रकबे के बाद भी सोयाबीन जिले की प्रमुख फसल है। जिले में करीब एक लाख बयालीस हजार हेक्टेयर रकबे में सोयाबीन बोया है।
सोयाबीन में समय पर निंदाई-गुड़ाई जरूरी है। खरपतवार के कारण उत्पादन पर खासा असर होने की आशंका है। इससे सोयाबीन में उत्पादन में 10-12 प्रतिशत की कमी आ सकती है।
आरएस गुप्ता उपसंचालक, कृषि विभाग, खंडवा

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