अमानक मूंग खरीदी घोटाले में अब तक 705 क्विंटल नान एफएक्यू मूंग करीब 50 लाख रुपए का खरीदने का मामला सामने आ चुका है। अब तक चार छल्लियों पर जांच हुई है, तीन छल्लियों पर जांच बाकी है। वहां जांच होने पर मामला करोड़ तक पहुंच सकता है। पुलिस ने इस मामले में सात आरोपियों पर धारा 420, 120बी, 34 और आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3, 7, 9 के तहत केस दर्ज किया हुआ है। गुरुवार को नर्मदा नगर पुलिस ने आरोपी समिति प्रबंधक हरिशंकर शर्मा, उसके पुत्र लक्की शर्मा, सर्वेयर गणेश जगताप, तुलावटी कैलाश चौहान, व्यापारी रवि, धर्मेंद्र, नंदकिशोर को न्यायालय में पेश किया। नर्मदा नगर थाना प्रभारी ओपी सिंह ने बताया कि हरिशंकर शर्मा, उसके पुत्र लक्की शर्मा, सर्वेयर गणेश जगताप, तुलावटी कैलाश चौहान, व्यापारी रवि का पुलिस ने रिमांड लिया है। वहीं, धर्मेंद्र और नंदकिशोर को जेल भेज दिया।
तुलावटी के माध्यम से करता था फर्जीवाड़ा
पूरे मामले में अब तक समिति प्रबंधक हरिशंकर शर्मा द्वारा फर्जीवाड़ा करने और उसके पुत्र लक्की शर्मा द्वारा साथ दिया जाना सामने आ रहा है। अपने बचाव के लिए हरिशंकर ने तुलावटी कैलाश चौहान को ही 27 जून को खरीदी केंद्र का प्रभारी बना दिया था। इसके बाद अपने बचाव के लिए हरिशंकर ने समिति के नाम 27 जून को पत्र भी जारी किया था कि यदि वहां अनियमितता पाई जाती है तो उसका जिम्मेदार केंद्र प्रभारी कैलाश चौहान होगा। ये पत्र कैलाश चौहान को 8 अगस्त को मिला था। इसके बाद हरिशंकर ने 11 अगस्त को दूसरा पत्र जारी कर एसडीएम चंदरसिंह सोलंकी द्वारा केंद्र का निरीक्षण करना बताकर अनियमितता को लेकर कैलाश चौहान से स्पष्टीकरण मांगा था। हरिशंकर ने अपने बचाव का पूरा प्रबंध कर रखा था, लेकिन उसकी करतूत कानून के सामने आ ही गई।